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साड़ी में लगीं कमाल, स्टाइलिश ड्रेस में ढाया कहर…. श्रद्धा कपूर ने शेयर की ऐसी तस्वीरें

Shraddha Kapoor Called Sri Devi Inspiration: श्रद्धा कपूर इन दिनों अपनी फिल्म ‘स्त्री 2’ को लेकर सुर्खियों में हैं. 15 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई उनकी ये फिल्म 35 दिन बाद भी बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों छाप रही है. ‘स्त्री 2’ में श्रद्धा कपूर की एक्टिंग के साथ-साथ वरुण धवन संग गाने ‘खूबसूरत’ में उनकी केमिस्ट्री भी खूब पसंद की गई. फिल्म की सक्सेस एंजॉय कर रहीं एक्ट्रेस ने हाल ही में अपनी कुछ फोटोज पोस्ट की हैं.

श्रद्धा कपूर ने अपने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जो कि उनके फेमिना के लिए किए गए लेटेस्ट फोटोशूट की हैं. इनमें एक्ट्रेस चार अलग-अलग आउटफिट्स में पोज करती दिख रही हैं. पहली तस्वीर में एक्ट्रेस गोल्डन कलर के ब्लाउज के साथ व्हाइट हाई स्लिट स्कर्ट पहने नजर आ रही हैं. दूसरी फोटो में एक्ट्रेस को व्हाइट ऑफ शोल्डर आउटफिट में पोज देते देखा जा सकता है.


शिमरी साड़ी में कमाल दिखीं श्रद्धा कपूर
तीसरी तस्वीर में श्रद्धा कपूर ऑफ व्हाइट कलर की शिमरी साड़ी पहने नजर आ रही हैं. इस उन्होंने मैचिंग ब्लाउज और स्टड्स के साथ पेयर किया है. आखिरी तस्वीर में एक्ट्रेस गोल्डन कलर की ब्रालेट के साथ व्हाइट नेट का केप पहने दिख रही हैं. इन तमाम लुक्स में श्रद्धा बेहद खूबसूरत लग रही हैं.

श्रीदेवी को डेडिकेट की पोस्ट
इन फोटोज को शेयर करते हुए श्रद्धा कपूर ने दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी को अपना इंस्पिरेशन बताया है और ये पोस्ट उन्हें ही डेडिकेट की है. एक्ट्रेस ने पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा- ‘श्रीदेवी जी, मेरी इंस्पिरेशन. जब भी मैं कपड़े पहनती हूं, बात करती हूं, चलती हूं या शूटिंग करती हूं, मैं उस शालीनता के बारे में सोचती हूं जिसके साथ वो अपने सभी परफॉर्मेंस में आई थीं. ये आपके लिए.’

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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