टैकनोलजी

AI और रोबोट्स कुछ इस तरह बदल देंगे लोगों की लाइफस्टाइल, ये रिपोर्ट पढ़िए

Artificial Intelligence and Robotics: टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे एडवांस और बेहतर हो रही है वैसे-वैसे लोगों की डिपेंडेंसी इसपर और ज्यादा बढ़ रही है. आज लोग गैजेट्स के जरिए अपना काम-काज करते हैं. स्कूल में पढ़ाई हो, ऑफिस का काम हो या घर का कोई काम-काज, सभी के लिए लोग अलग-अलग गैजेट्स का इस्तेमाल करते हैं. पिछले साल ओपन एआई ने चैट जीपीटी को लाइव किया था. इस AI टूल ने बेहद कम समय में इतनी पॉपुलैरिटी हासिल की कि आज लोग अधिकतर कामकाज इस AI टूल की मदद से कर रहे हैं. चैट जीपीटी को देखने के बाद ही अलग-अलग टेक कंपनियां AI प्रोजेक्ट पर काम करने लगी. लगातार लोग नई टेक्नोलॉजी और एआई टूल पर शिफ्ट हो रहे हैं.

अगले 10 सालों में ये काम मशीन से करवाना चाहते हैं लोग

 साइंटिफिक जनरल  PLOS ONE में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है जिसमें ये बताया गया है कि अगले 10 सालों में किस तरह टेक्नोलॉजी लोगों की लाइफस्टाइल बदल देगी. रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 39% घर के कामकाज रोबोट्स करेंगे. वही, अगले 5 सालों में 27% ऑटोमेशन देखने को मिलेगा. इस रिसर्च के लिए 65 से ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्सपर्ट्स को शामिल किया गया था जिसमें से 29 UK से थे और 36 जापान से. इन सभी AI एक्सपर्ट्स  से कंसल्ट करने के बाद यूके और जापान के रिसर्चर्स ने ये पाया कि अगले 10 सालों में जो कामकाज सबसे ज्यादा ऑटोमेटेड हो जाएगा वह है बाजार से सामान खरीदना. 

Oxford और Ochanomizu यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने बताया कि इंसान सबसे ज्यादा डिपेंडेंट एआई पर अनपेड डोमेस्टिक वर्क के लिए हैं. यानी घर के कामकाज के लिए लोग तेजी से एआई पर शिफ्ट करना चाहते हैं. साथ ही रिसर्चर्स ने भी बताया कि महिलाओं की तुलना में UK के पुरुषों को ऑटोमेशन को अपनाने की जल्दी है और वे घर के कामकाज के लिए एआई पर शिफ्ट होना चाहते हैं जबकि जापान में इसका उल्टा है.

इस काम में नहीं चाहते लोग टेक्नोलॉजी की दखलंदाजी

वहीं, जिस कामकाज के लिए लोग एआई और ऑटोमेशन पर डिपेंडेंट नहीं रहना चाहते वो है बच्चों की देखभाल. अगले 10 साल में इस ओर केवल 28% ही ऑटोमेशन देखने को मिलेगा जबकि सबसे ज्यादा ऑटोमेशन घर के कामकाज में नजर आएगा. 

News Reels

यह भी पढें: 6G Race: साउथ कोरिया में 2028 तक लॉन्च हो जाएगा 6G, लेकिन भारत में कब मिलेगा यह नेटवर्क

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button