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अपना दल एस पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नई ऊर्जा भरने का काम कर रहे शैलेंद्र चौधरी

शैलेंद्र चौधरी ने अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल जी के द्वारा किए जा रहे हैं पिछड़ा वर्ग के लिए अभूतपूर्व कार्यों से प्रेरित होकर एक समाज के जाने माने चेहरे लाली सरदार वह मेघनाथ सिंह करो अपना दल एस मैं शामिल किया तथा पार्टी के लिए मेहनत कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नई ऊर्जा भरने के लिए सर्व समाज को साथ लेकर आशीष पटेल जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सबसे मजबूत पार्टी बनेगी पार्टी बूथ स्तर पर एक एक कार्यकर्ताओं को मजबूत कर रही आईटी विभाग के माध्यम से प्रत्येक विधानसभा को 4 सेक्टर में बाटा तथा प्रत्येक बूथ पर बूथ अध्यक्ष सेक्टर प्रभारी जोनल प्रभारी विधानसभा प्रभारी ब्लॉक प्रभारी तहसील प्रभारी पंचायत प्रभारी न्याय पंचायत प्रभारी आदि पदों को सूचित कर विधानसभा वार समीक्षा बैठक मंथन बैठक मासिक बैठक महापुरुषों की जयंती का आयोजन जमीनी स्तर पर कार्य कर वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सबसे प्रभावशाली पार्टी तथा पिछड़ा समाज के विद्यार्थियों के लिए संसद के माध्यम से 27% आरक्षण सैनिक स्कूल में मेडिकल कॉलेज में व अन्य संस्थाओं में कराने का कार्य किया है जो कि हिंदुस्तान में पहली महिला सांसद द्वारा तथ्यों पर आधारित सिद्धांत के आधार पर संविधान के अनुसार पूरे देश को ईमानदारी के साथ पिछड़ा समाज के लोगों के लिए किया है ऐसे में पिछला समाज को अनुप्रिया पटेल को मजदूर तरीके से सहयोग करने के उद्देश्य से पश्चिम उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जातियों को एकजुट कर अपना दल एस में जोड़ने की बस अब प्रयास किया जाएगा साथ शैलेंद्र चौधरी ने यह भी कहा संगठन को मजबूत करने के लिए समय समय पर सम्मेलनों का आयोजन होता रहेगा इस अवसर पर नरेश चौहान ठाकुर देवेंद्र सिंह शुभम ठाकुर सरदार अमन सिंह सरदार लाली सिंह मेघनाथ सिंह आदि लोग मौजूद रहे

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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