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सतीश के निधन के बाद 10 साल की बेटी ने शेयर किया ये पोस्ट, तस्वीर देख आपकी आंखें हो जाएंगी नम

Satish Kaushik Death: बॉलीवुड एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक आज यानी 9 मार्च को पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. मुंबई के वर्सोवा श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. सतीश कौशिक के अंतिम संस्कार में बॉलीवुड के तमाम सेलेब्स शामिल हुए. उनके निधन के बाद बेटी वंशिका कौशिक ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें वह पिता सतीश कौशिक के साथ नजर आ रही हैं. ये फोटो इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रही है.

वंशिका ने पिता सतीश कौशिक के साथ शेयर की फोटो

वंशिका कौशिक ने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक थ्रोबैक फोटो पोस्ट की है, जिसमें वह पिता सतीश कौशिक के साथ नजर आ रही हैं. फोटो में देखा जा सकता है कि सतीश कौशिक ने बेटी वंशिका को हग किया गया है. दोनों बहुत खुश लग रहे हैं. उनकी इस फोटो को देखकर फैंस की आंखें नम हो गई है और कमेंट सेक्शन में यूजर्स सतीश कौशिक को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.


बेटे की मौत से टूट गए थे सतीश कौशिक

सतीश कौशिक अपने पीछे पत्नी शशि कौशिक और 10 साल की बेटी वंशिक कौशिक को छोड़ गए हैं. सतीश ने शशि से साल 1985 में शादी रचाई थी. उनका बेटा शानू कौशिक ने 1996 में महज दो साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. इस घटना से सतीश कौशिक बहुत बुरी तरह टूट गए थे. इसके बाद कपल साल 2012 में सेरोगसी के जरिए बेटी के पैरेंट्स बने, जिनका नाम उन्होंने वंशिका रखा है.

सतीश कौशिक के अंतिम संस्कार में पहुंचे सितारे

हार्ट अटैक की वजह से सतीश कौशिक का निधन हुआ है. शाम को उनका शव मुंबई लाया गया. सतीश कौशिक के अंतिम दर्शन में जावेद अख्तर, फरहान अख्तर, अर्जुन कपूर, राकेश रोशन, शहनाज गिल, सलमान खान, अभिषेक बच्चन, शिल्पा शेट्टी, अर्जुन कपूर, रणबीर कपूर, जॉनी लीवर, चंकी पांडे और अन्य कई सितारे शामिल हुए. 

पॉपुलर रहे सतीश कौशिक के ये किरदार

बताते चलें कि सतीश कौशिक को ‘मिस्टर इंडिया’ में कैलेंडर, ‘दीवाना मस्ताना’ में पप्पू पेजर, ‘राम लखन’ में काशीराम, ‘मिस्टर एंड मिसेस खिलाड़ी’ में चंदा मामा और ‘हसीना मान जाएगी’ में कुंज बिहारीलाल जैसे किरदारों के लिए जाना जाता है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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