बॉलीवुड और मनोरंजन

अफेयर की खबरों के बीच जब शाहरुख ने सबके सामने प्रियंका चोपड़ा से कहा था ‘मुझसे शादी कर लो…’!

Shahrukh Khan On Affair Rumors With Priyanka Chopra: शाहरुख खान चार्म के देवता हैं, उनके फिल्मी रोमांटिक गाने, उनका बाहें फैलाकर नजरें झुकाना और फिर अपनी हिरोइन की तरफ देखना, स्क्रीन पर सब कमाल लगता है. 

हर लड़की के ख्वाबों के ‘राज’ हैं बॉलीवुड के बादशाह
एसआरके इंडस्ट्री की हर एक्ट्रेस के फेवरेट हीरो हैं और लाइफ में एक बार तो उनके साथ काम करने की चाह रखती हैं. रानी मुखर्जी से लेकर चूही चावला और काजोल तक के साथ शाहरुख खान ने काम किया है, लेकिन प्रियंका चोपड़ा संग बिल्लू बारबर से लेकर डॉन 2 में काम करने के दौरान उनका नाम पीसी के साथ जुड़ने लगा.

रिपोर्ट्स के मुकाबिक शाहरुख खान और प्रियंका चोपड़ा की नजदीकियों की खबरों से एसआरके का घर टूटने की कगार पर आ गया था! वहीं शाहरुख के बेस्टी करण जौहर ने मामले में एंट्री मारी थी और गौरी को संभाला था. हालांकि खबरें तो ये भी रहीं कि करण जौहर की वजह से प्रियंका चोपड़ा का बॉलीवुड निकाला हो गया था, जिसकी वजह से उन्हें हॉलीवुड जॉइन करना पड़ा.

प्रियंका चोपड़ा की जैकिट ने खोले थे राज?
शाहरुख खान का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वे प्रियंका चोपड़ा के लिए एक गाना गाते दिखे थे. उस गाने में वे अंग्रेजी में कहते दिखे थे- मैरी मी मैरी मी. वहीं प्रियंका हैरानी से उन्हें देखती और हंसती दिखी थीं. शाहरुख खान और प्रियंका के रिलेशनशिप के रूमर्स को लेकर एक सोशल मीडिया पर काफी चर्चा रही थी. 


प्रियंका चोपड़ा ने भी उस वक्त एक इंटरव्यू के दौरान एक जैकिट को हाईलाइट करते हुए उस जैकिट की तारीफ की थी और उसे फेवरेट बताया था. वहीं उन्होंने ये भी कहा था कि वो जैकिट उनके एक्स का था. खास बात ये रही थी कि वैसी ही जैकिट को कई बार शाहरुख खान भी पहनते दिखे थे.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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