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बिग बॉस 17 की विनर नहीं बनेंगी अंकिता लोखंडे? मेकर्स ने खेला दांव!!

टीवी का सबसे पॉपुलर और विवादित रियलिटी शो बिग बॉस 17 इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। बिग बॉस 17 का फिनाले काफी करीब है। ऐसे में अब शो को टॉप 5 भी मिल चुका है। इस लिस्ट में अंकिता लोखंडे, अभिषेक कुमार, मुनव्वर फारूकी, मन्नारा चोपड़ा और अरुण महाशेट्टी का नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि फिनाले से चंद दिनों पहले ही विक्की जैन का इस शो से पत्ता कट गया है, जिससे फैंस का सिर चकरा गया है। इस बीच अंकिता लोखंडे को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिससे जानने के बाद उनके फैंस के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।

अंकिता लोखंडे नहीं बनेंगी बिग बस 17 की विनर

दरअसल कलर्स टीवी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक ट्वीट किया है, जो कि इंटरनेट पर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। इस ट्वीट के जरिए ये पता चल रहा है कि अंकिता लोखंडे विनर की रेस से बाहर हो गई हैं। इस ट्वीट में पूछा गया है कि अगर आपको मौका दिया जाएगा तो आप किसे ट्रॉफी देना चाहेंगे? इसके लिए तीन विकल्प दिए गए थे। इसमें तीन नाम शामिल थे। मन्नारा चोपड़ा, मुनव्वर फारूकी और अभिषेक कुमार। इससे अंकिता लोखंडे का नाम नहीं दर्ज था। ऐसे में अब लोग ये चर्चा कर रहे हैं कि अंकिता बिग बॉस 17 की विनर नहीं बनने वाली हैं। Also Read – Bigg Boss 17 Top 5: ग्रैंड फिनाले से 4 दिन पहले सामने आए टॉप 5 कंटेस्टेंट्स, विनर की रेस से बाहर होंगी अंकिता लोखंडे?

यहां पढ़े ट्वीट:

ईशा मालवीय के बाद विक्की जैन भी हुए बाहर

बताते चलें कि हाल ही में सलमान खान के शो से ईशा मालवीय बाहर हुई हैं। इस बीच अब ये खबर आ रही है कि अंकिता लोखंडे के पति विक्की जैन का भी बिग बॉस 17 से पत्ता कट गया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही इंटरनेट पर हलचल तेज हो गई है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि बिग बॉस 17 की ट्रॉफी कौन अपने नाम करता है। Also Read – Bigg Boss 17 Promo: फूट-फूटकर रोईं मन्नारा चोपड़ा, अरुण से बोलीं- ‘विक्की से बात करने पर इतनी परेशानी…’

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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