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100 से भी ज्यादा टुकड़ों में बिखरी रूसी सैटेलाइट, अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स

Space Mission: अंतरिक्ष में हाल ही में एक भयंकर और बड़ी घटना हुई है, जिसका असर भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स पर भी पड़ा है. इस घटना ने दुनियाभर के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों को एक गंभीर चिंता में डाल दिया है.

दरअसल, रूस का एक सैटेलाइट, RESURS-P1 (#39186) पहले से ही निष्क्रिय था और 26 जून 2024 को यह टूटकर 100 से भी ज्यादा टुकड़ों में टूट गया और अंतरिक्ष में फैल गया. यह घटना इतनी ज्यादा चिंताजनक और खतरनाक है कि इसके कारण अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को आपातकालीन आश्रय लेना पड़ा. 

सुनीता विलियम्स पर पड़ा असर

अंतरिक्ष में हुई इस भयंकर घटना का सबसे बड़ा प्रभाव भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स पर पड़ा है. सुनीता इस वक्त ISS पर अपने मिशन के दौरान अंतरिक्ष में फंसी हुई हैं. सुनीता विलियम्स अपने साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर के साथ जो बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में सवार थीं.

रूसी सैटेलाइट के टुकड़े होने के बाद सुनीता और उनके साथी यात्री को तुरंत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आश्रय लेना पड़ा. आपको बता दें कि यह कैप्सूल 6 जून को ISS पर डॉक किया गया था. यह इसका पहला क्रू मिशन था. 

इस घटना के कारण सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष से धरती पर वापस आने में ज्यादा वक्त लग सकता है. नासा ने ऐलान किया है कि इस घटना के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी में अनिश्चितता बढ़ गई है.

नासा के मुताबिक बोइंग के स्टारलाइनर मिशन का मिशन 45 दिनों का था, लेकिन अब उसे बढ़ाकर 90 दिनों का करने पर विचार किया जा रहा है. नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर, स्टीव स्टिच इस मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि अंतरिक्ष में फैले हुए रूसी सैटेलाइट के मलबे से अपने यात्रियों को बचाने के लिए इस मिशन की समयसीमा को बढ़ाया गया है.

चिंता में आई दुनियाभर की स्पेस एजेंसियां

रूसी सैटेलाइट के टूटने के बाद उसके मलबे 100 से भी ज्यादा टुकड़ों में बिखर गए हैं. यह अंतरिक्ष में काफी तेजी से इधर-उधर अनियंत्रित दौड़ रहे हैं. यह किसी भी वक्त किसी भी अन्य सैटेलाइट से टकराकर उसे भी नष्ट कर सकते हैं. इस कारण सुनीता विलियम्स के यात्रा की समयसीमा को बढ़ा दिया गया है. नासा और अन्य स्पेस एजेंसियां रूसी सैटेलाइट के मलबे की निगरानी कर रही है और इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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