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Jio-Airtel-Vi के मंहगे रिचार्ज की मार! मोबाइल यूजर्स को कितना फायदा पहुंचाएगा BSNL?

Recharge Plan Hike: पिछले महीने यानी जुलाई की शुरुआत में प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने टैरिफ प्लान्स की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी थी. रिचार्ज प्लान की कीमतें बढ़ने के बाद यूजर्स BSNL की तरफ बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार ने भी टेलीकॉम कंपनी के भविष्य को लेकर अपना पूरा प्लान बता दिया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में BSNL 5G की टेस्टिंग के दौरान कई बातें कहीं. 

जब से रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के रिचार्ज प्लान महंगे हुए है तबसे यूजर्स तेजी से सिम पोर्ट करा रहे हैं और इसका बड़ा फायदा बीएसएनएल को मिल रहा है. सरकार ने भी इसको लेकर कहा कि पिछले कुछ समय में बीएसएनएल ने एक बड़ा इजाफा दर्ज किया है. कंपनी ने पिछले एक महीने में 20 लाख से भी ज्यादा लोग जोड़े हैं. 

कब तक देश के ज्यादातर हिस्सों में पहुंचेगा 4G? 

सरकार का कहना है कि पहले 4G नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा, उसके बाद ही इसे 5G में कन्वर्ट किया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुताबिक, पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के तहत BSNL के नेटवर्क में बदलाव किया जा रहा है. BSNL के स्वदेशी नेटवर्क 4G को अगले कुछ महीने में देशभर में उपलब्ध करा दिया जायेगा. ज्योतिरादित्य सिंधिया की मानें, तो अगले 6 महीनों में देशभर के ज्यादातर हिस्सो में 4G नेटवर्क पहुंच जाएगा.

इन शहरों में शुरू किया जाएगा ट्रायल

BSNL 5G का ट्रायल दिल्ली, चेन्नई और बैंगलुरु जैसे शहरों में शुरू किया जाएगा. ट्रायल जैसे ही पूरा होगा, इसके बाद लोगों को फास्ट इंटरनेट मिलने की शुरुआत की जाएगी. सरकार ने 700MHz, 2200MHz, 3300MHz और 26GHz स्पेक्ट्रम बैंड आवंटित किया है. फिलहाल BSNL 700MHz स्पैक्ट्रम बैंड पर 5G सर्विस का ट्रायल किया जा रहा है.  

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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