बॉलीवुड और मनोरंजन

इन 10 टीवी सितारों पर जान छिड़कती हैं दुनिया

Khatron Ke Khiladi 13: बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर रोहित शेट्टी के शो खतरों के खिलाड़ी 13 का अच्छा खासा बज बना हुआ है। इस शो के लिए कंटेस्टेंट्स साउथ अफ्रीका रवाना हो चुके हैं। जहां केपटाउन के घने जंगलों में टीवी के स्टार्स कई जानलेवा टास्क करने वाले हैं। खतरों के खिलाड़ी 13 में बिग बॉस के रनरअप शिव ठाकरे भी नजर आ रहे हैं। इस बीच शो को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें ये बताया गया है कि एक बार फिर शिव ठाकरे और अब्दु रोजिक की जोड़ी धमाल मचाने वाली है। जानकारी के मुताबिक रोहित शेट्टी के शो के लिए मेकर्स ने अब्दु रोजिक को अप्रोच किया है।

खतरों के खिलाड़ी में नजर आएंगे अब्दु रोजिक

ईटाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक खतरों के खिलाड़ी 13 के लिए मेकर्स ने अब्दु रोजिक से बातचीत की है। बताया जा रहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अब्दु रोजिक, रोहित शेट्टी के खतरों से खेलते नजर आएंगे। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही अब्दु रोजिक के फैंस में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। वहीं शिव ठाकरे के चाहने वालों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि क्या सच में अब्दु रोजिक खतरों के खिलाड़ी में नजर आएंगे या नहीं। फैंस इसके लिए काफी एक्साइटेड नजर आ रहे हैं।

मडंली का अहम हिस्सा हैं अब्दु रोजिक

बताते चलें कि अब्दु रोजिक और शिव ठाकरे ने बिग बॉस 16 के घर में जमकर धमाल मचाया था। इन दोनों की दोस्ती देखने लायक है। अब्दु रोजिक मंडली का भी हिस्सा थे। हालांकि कुछ दिनों पहले ये खबर आई थी कि अब्दु रोजिक ने मंडली छोड़ दी है। दरअसल, अब्दु और एमसी स्टेन के बीच विवाद हो गया था जिसके बाद ये खबरें सामने आने लगी थीं। लेकिन अब सबकुछ ठीक हो गया है। मालूम हो कि अब्दु रोजिक की फैन फॉलोइंग काफी तगड़ी है। इस मामले में वो बॉलीवुड से लेकर टीवी तक के सितारों को टक्कर देते हैं।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button