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Amazon Prime की मेंबरशिप 67 फीसदी हुई महंगी, बस इन प्लान की कीमत में नहीं हुआ बदलाव

Amazon Prime Subscription : ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन अक्सर अपनी प्राइम मेंबरशिप की कीमत में बदलाव करता रहता है. कुछ महीने पहले, कंपनी ने ज्यादा कस्टमर्स को आकर्षित करने के लिए प्राइम मेंबरशिप की सस्ती कीमतों की घोषणा की थी. अब कम्पनी ने फिर से कीमतों में बदलाव कर दिया है. पहले की तुलना में कीमतों में जो इजाफा किया गया है, वो काफी ज्यादा है. ऐसे में, यह तो स्पष्ट है कि अगर आप अब प्राइम मेंबरशिप खरीदने का मन बना रहे हैं तो अब आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. आइए जानते हैं कि कीमत में कितना अंतर आया है. 

कितनी बढ़ी अमेजन प्राइम सब्सक्रिप्शन की कीमत?

नई कीमत सामने आने के बाद, भारत में अमेजन प्राइम मेंबरशिप की कीमत अब 299 रुपये से शुरू हो रही है. यह कीमत एक महीने के प्लान के लिए है. वहीं, दिसंबर 2021 में घोषित की गई कीमत 179 रुपये थी. इससे पता चलता है कि कंपनी ने प्लान की कीमत में 120 रुपये की बढ़ोतरी की है. तीन महीने के लिए अमेजन प्राइम प्लान की कीमत अब 599 रुपये है. यह प्लान पहले 459 रुपये में उपलब्ध था, जिसका मतलब है कि अमेज़न ने कीमत में 140 रुपये की बढ़ोतरी की है. 

इन प्लान की कीमतें नहीं बदली

कीमत में काफी अंतर देखने को मिल रहा है. लेकिन, अब जो लोग लंबा प्लान लेते हैं उनके लिए बढ़िया खबर यह है कि लंबी अवधि के प्लान की कीमतें वही हैं. वार्षिक अमेजन प्राइम मेंबरशिप की कीमत 1,499 रुपये है, और वार्षिक प्राइम लाइट प्लान आधिकारिक साइट पर 999 रुपये में लिस्टेड है. बता दें कि नेटफ्लिक्स ने अभी तक अपनी कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. 

अमेजन प्राइम मेंबरशिप के फायदे?

जिन लोगों के पास अमेजन प्राइम मेंबरशिप है, उन्हें प्राइम शिपिंग के लिए सपोर्ट मिलता है, जो मूल रूप से अन्य यूजर्स की तुलना में तेज डिलीवरी है. लोगों को प्राइम वीडियो, प्राइम म्यूजिक, प्राइम डील्स, प्राइम रीडिंग, प्राइम गेमिंग और अमेजन फैमिली का भी एक्सेस मिलता है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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