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Instagram पर रात 10 बजे के बाद इन यूजर्स को मिलेगा खास मैसेज, नया है ये सेफ्टी फीचर

Instagram nighttime nudges: छोटे बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सेफ रखने के लिए मेटा लगातार काम कर रही है. कंपनी पर इसके लिए खासा दबाव भी डाला जा रहा है. हाल ही में मेटा ने इंस्टाग्राम में कुछ नए फीचर्स बच्चों की सेफ्टी के लिए ऐड किये थे जिससे उन्हें Explore और reels आदि में हार्मफुल कंटेंट नहीं दिखेगा. अब कंपनी एकऔर फीचर चाइल्ड सेफ्टी के लिए प्लॅटफॉर्म में ऐड कर रही है. 

टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टाग्राम बच्चों के लिए नाईटटाइम नजस फीचर को ऐड कर रही है. आसान शब्दों में आपको बताए तो कंपनी बच्चों को रात 10 बजे के बाद प्लेटफार्म से दूर रहने के लिए एक खास मैसेज दिखाएगी. इस फीचर का मकसद बच्चों को लेट नाईट ऐप यूज करने से रोकना है. कंपनी एक पॉपअप दिखाएगी जिसमें टाइम फॉर अ ब्रेक लिखा होगा, साथ ही ये भी लिखा होगा कि काफी देर हो गई है, अब आपको इंस्टाग्राम बन्द करना चाहिए. इस तरह का मैसेज केवल चाइल्ड अकाउंट्स या छोटे बच्चों के अकाउंट में रात 10 बजे के बाद तब दिखेगा जब वे 10 मिनट से ज्यादा के लिए इंस्टाग्राम चलाएंगे.

इसे नहीं किया जा सकता ऑफ 

इस पॉपअप मैसेज को बच्चे ऑफ नहीं कर सकते, यानि ये कोई ऑप्ट इन या आउट फीचर नहीं है. कंपनी ऑटोमेटिकली आपको ये मैसेज दिखाएगी जिसे यूजर्स केवल क्लोज कर सकते हैं.    

पहले से मौजूद हैं ये सेफ्टी फीचर्स 

इंस्टाग्राम में पहले से यूजर सेफ्टी के लिए कई फीचर्स मौजूद हैं. कंपनी ने स्क्रीनटाइम कम करने के लिए टेक अ ब्रेक, quite मोड जैसे फीचर ऐप में दिए हैं. इन्हें ऑन कर आप अपना स्क्री टाइम कम कर सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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