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WhatsApp पर आ रहे फ्रॉड कॉल या मैसेज का अब आपको पहले से लग जाएगा पता, मिलेगा ये फीचर

True caller identification service on Whatsapp: आप सभी वॉट्सऐप का इस्तेमाल दिन भर में कम से कम 2 से 3 घंटे जरूर करते होंगे. आजकल साइबर क्राइम चरम पर है और साइबर क्रिमिनल्स वॉट्सऐप के जरिए भी लोगों को टारगेट कर रहे हैं. भारत में करीब 500 मिलियन से ज्यादा मंथली एक्टिव यूजर्स वॉट्सऐप पर हैं. इतनी बड़ी संख्या में यूजरबेस होना हैकर्स या स्कैमर्स को बड़ा फायदा पहुँचाता है और वे आसानी से लोगों को अपने जाल में फसाते हैं. वॉट्सऐप पर आजकल लोगों को फ्रॉड कॉल या एसएमएस भर- भरकर आ रहे हैं. इन मैसेज के जरिए लोगों को बहकावे में लेकर उनकी निजी डिटेल्स और पैसे को साफ किया जा रहा है.

लेकिन अब वॉट्सऐप पर फ्रॉड कॉल या एसएमएस की पहचान करने के लिए ट्रूकॉलर ने मेटा के साथ हाथ मिलाया है और जल्द लोगों को ऐप पर एक खास फीचर मिलने वाला है जिसकी मदद से वे स्पैम या फ्रॉड कॉल की पहले ही पहचान कर पाएंगे. जिस तरह अभी ट्रूकॉलर में स्पैम कॉल आने पर लोगों को रेड कलर का अलर्ट मिलता है ठीक ऐसा ही आने वाले समय में वॉट्सऐप पर भी होगा और लोग पहले ही फ्रॉड कॉल की पहचान कर पाएंगे.

कब तक होगा लॉन्च 

ट्रूकॉलर अपनी कॉलर आइडेंटिफिकेशन सर्विस को वॉट्सऐप और दूसरे सोशल मीडिया ऐप्स पर लाने जा रही है जिसकी मदद से यूजर्स स्पैम कॉल को पहचान पाएंगे. ये फीचर इस महीने के अंत तक वॉट्सऐप पर आ सकता है. ट्रूकॉलर के को-फाउंडर और सीईओ एलन ममेदी ने कहा कि 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर महीने ऑन एन एवरेज लोगों को 17 स्पैम या टेलीमार्केटिंग कॉल आती हैं. स्पैम कॉल को पहचानने और ऑनलाइन फ्रॉड को कम करने के लिए अब ट्रूकॉलर की कॉलर आइडेंटिफिकेशन सर्विस वॉट्सऐप पर जल्द लोगों मिलेगी. उन्होंने कहा कि कंपनी TRAI के आदेश के अनुसार, रिलायंस जियो और एयरटेल के साथ भी मोबाइल नेटवर्क पर टेलीमार्केटिंग कॉल को फ़िल्टर करने के लिए एआई टेक्निक पर काम कर रही है. इसकी मदद से ऐसी तमाम कॉल्स को ब्लॉक किया जा सकेगा जो स्पैम या मार्केटिंग से जुड़ी होंगी. 

बता दें, फिलहाल कॉलर आइडेंटिफिकेशन सर्विस कुछ ही बीटा टेस्टर्स के लिए जारी किया गया है. अगर आप भी इसे यूज करना चाहते हैं तो प्लेस्टोर पर जाकर बीटा प्रोग्राम को जॉइन कर सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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