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‘जवान’ एक्ट्रेस के साथ थाईलैंड में हुआ बड़ा हादसा, शूटरों के निशाने से बचीं, जान बचाकर भागीं

Aaliyah Qureishi Witnessed Shooting Incident: शाहरुख खान की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘जवान’ में एक्ट्रेसेस की लंबी कतार दिखाई दी. इसमें एक नाम आलिया कुरैशी का भी है जिन्होंने हाल ही में एक पोस्ट लिखकर अपने साथ हुए डरावने हादसे को याद किया है. एक्ट्रेस ने बताया है कि कैसे उन्होंने थाईलैंड में एक 14 साल के बच्चे को फायरिंग करते देखा और उनकी आखों के सामने ही उस गोलीबारी में दो लोगों ने दम तोड़ दिया.

आलिया कुरैशी ने अपने इंस्टाग्राम पर हादसे वाले दिन की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें वे अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करती दिख रही हैं. इन्हीं तस्वीरों के साथ एक्ट्रेस ने एक लंबा पोस्ट लिखा है और बताया कि कैसे एटीएम में देरी हो जाने की वजह से वे और उनके दोस्त शूटर के निशाने पर आने से बच गए. उन्होंने लिखा, ‘ठीक है, यह लिखना मुश्किल है. लेकिन मैं नहीं चाहती कि मेरा इंस्टाग्राम एक ऐसी जगह बने जहां मैं सिर्फ शाईनी और खुशियों के बारे में बात करूं.’


शूटर्स के निशाने से बचीं आलिया!
आलिया ने आगे लिखा- ‘यह कितना भी भयानक क्यों न हो, यहां लिख रही हूं. जैसा कि आप में से कुछ ने पूछा है, मैं सियाम पैरागॉन शूटिंग के दौरान थाईलैंड में थी. सच में, मैं और मेरे दो दोस्त मॉल में थे जब यह हादसा हुआ. हम एस्केलेटर से ऊपर आ रहे थे तभी हमने बड़े पैमाने पर शोर देखा और किसी ने ‘शूटर’ चिल्लाया. जैसे ही हम वापस नीचे की तरफ भागे, हमने 3 गोलियों की आवाज सुनी. यह एक भयानक एक्सपीरियंस था.’

‘असल जिंदगी भी एक्शन फिल्मों की तरह होती…’
‘जवान’ एक्ट्रेस ने आगे लिखा- ‘मैं शुक्रगुजार हूं कि मैं और मेरे दोस्त इससे जिंदा बच निकले और मुझे बहुत बुरा लग रहा है कि 2 निर्दोष लोग नहीं बच पाए, मैं चाहती हूं कि असल जिंदगी भी एक्शन फिल्मों की तरह होती, जहां आप निडर होकर किसी भी क्रूर लड़ाई में कूद सकते और बचा सकते. लेकिन जब ऐसा होता है, तो आपके मन में सिर्फ वहां से जिंदा बाहर निकलने का ख्याल होता है. यह सोचने के लिए कि जब दिन शुरू हुआ, तो हम आराम कर रहे थे और कुत्तों के साथ खेल रहे थे और दिन खत्म होने तक हम एक से दूर भाग रहे थे.’

5 मिनट की देरी ने बचाई जान!
अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए आलिया ने आगे बताया, ‘मॉल में शूटिंग, बारिश में भीगना, हमें घर ले जाने के लिए टुक-टुक ढूंढने की बेताबी से कोशिश करना, पागलपन है. जिंदगी पागलपन भरी और अनप्रेडिक्टिबल है.मुझे इस घटना के बारे में पता है, लेकिन मैं बस सोचती रही, एस्केलेटर पर चढ़ने से पहले हमने करेंसी एक्सचेंज में 10 मिनट बिताए. उम्मीद से ज्यादा समय लगा. क्या होता अगर हमें कोई प्रॉब्लम नहीं होती और सिर्फ 5 मिनट ही खर्च करते इसके बजाय? शूटिंग के समय हम कहां रहे होंगे? स्टोर में, उसके करीब? मुझे नहीं पता.’

पीड़ितों के लिए जताई हमदर्दी
आलिया कहती हैं कि यह सब उन्हें यह सोचने पर मजबूर करता है कि कुछ दैवीय समय है जो बर्न टोस्ट थ्योरी की तरह हैं. वे कहती हैं, ‘कुछ परेशान करने वाला छिपा हुआ आशीर्वाद बन सकता है, शायद आपकी जान भी बच जाए. ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं जो हम नहीं जानते. मेरा दिल दो पीड़ितों और पांच घायलों के सभी दोस्तों और परिवारों के साथ है.’

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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