बॉलीवुड और मनोरंजन

Rakhi Sawant ने खोली Adil Durrani की पोल, सुनाई दर्द भरी कहानी! | EXCLUSIVE | Bollywood Life हिंदी

Bollywoodlife.com को दिए एक इंटरव्यू में राखी सावंत ने आदिल दुर्रानी के कारण अपनी मां की मृत्यु के बारे में बात की है। उनके पति आदिल के माता-पिता का एक्ट्रेस के प्रति व्यवहार। अपनी शादी को बनाए रखने के लिए राखी ने क्या-क्या किया है। टूटी हुई शादी की दर्दनाक कहानी बताते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने बताया कि उन्हें घरेलू हिंसा और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।

Rakhi Sawant Interview: Bollywoodlife.com को दिए एक इंटरव्यू में राखी सावंत ने आदिल दुर्रानी के कारण अपनी मां की मृत्यु के बारे में बात की है। उनके पति आदिल के माता-पिता का एक्ट्रेस के प्रति व्यवहार जैसे कि वह गैर-मुस्लिम है और वे उन्हें कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे। अपनी शादी को बनाए रखने के लिए राखी ने क्या-क्या किया है। टूटी हुई शादी की दर्दनाक कहानी बताते हुए उनकी आंखों में आंसू आ गए और उन्होंने बताया कि उन्हें घरेलू हिंसा और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। आदिल से एक्ट्रेस ने शादी करने के पीछे का उद्देश्य भी बताया और शादी करने के लिए इस्लाम धर्म क्यों अपनाया। राखी ने यह भी खुलासा किया है कि आदिल पुरुषों और महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के लिए कुछ गोलियां लेता है। राखी से आदिल ने बहुत सारे पैसे लिए हैं और यहां तक ​​कि सबसे अच्छी दोस्त राजश्री ने भी कैसे एक्ट्रेस को धोखा दिया है। राखी ने आगे कहा कि उन्हें इंडस्ट्री की ड्रामा क्वीन कहा जाता है, लेकिन वह जो ड्रामा करती हैं वह खुद को और अपने परिवार को आर्थिक रूप से सपोर्ट करने के लिए करती हैं। वह जानबूझकर ऐसे कपड़े नहीं पहनती क्योंकि वह अमिताभ बच्चन या अनिल कपूर की बेटी नहीं हैं। राखी का कहना है कि वह एक दिन एक्ट्रेस सना खान के पति मुफ्ती अनस जैसे शख्स से शादी करना चाहती हैं। उन्होंने रितेश के साथ अपनी पहली शादी के बारे में भी बात की, जो एक महीने तक चली थी। क्योंकि जब वह मशहूर रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ से बाहर आईं और उन्हें उनकी शादी और बच्चों के बारे में पता चला तो उन्होंने उन्हें तुरंत छोड़ दिया क्योंकि वह किसी का घर तोड़कर खुद खुशहाल जिंदगी नहीं जीना चाहती थीं।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button