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शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का 83 साल की उम्र में निधन ! PM नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि !

शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन : बुधवार की सुबह कांचीपुरम के प्राइवेट अस्पताल में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन हो गया !! उनका अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 9 बजे किया जाएगा ! उन्हें सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. पिछले साल से ही उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था l वे 83 वर्ष के थे 18 जुलाई 1935 को जन्मे जयेंद्र सरस्वती कांची मठ के 69वें शंकराचार्य थे. वे 1954 में शंकराचार्य बने थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जयेंद्र सरस्वती के निधन पर दुख व्यक्त किया है प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की उन्होंने समाज के लिए बहुत काम किया हे !

तमिलनाडु स्थित हिंदू धर्म में सबसे अहम और ताकतवर समझे जाने वाली कांची पीठ के पीठाधिपति के रूप में जयेंद्र सरस्वती ने राजनीतिक रूप से भी एक ताकतवर संत का जीवन जीया।

जयेंद्र सरस्वती ने अयोध्या विवाद के हल के लिए भी पहल की थी। इसके लिए वाजपेयी ने उनकी काफी प्रशंसा की। हालांकि तब जयेंद्र सरस्वती को आलोचना का भी शिकार होना पड़ा। जयेंद्र सरस्वती एक समय अयोध्या मामले के हल के लिए काफी सक्रिय थे, और उनका दावा था कि इस मसले का हल निकालने के काफी करीब पहुंच गए थे!

22 मार्च 1954 को चंद्रशेखेंद्ररा सरस्वती स्वामीगल ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. उस वक्त वो सिर्फ 19 साल के थे. जयेंद्र सरस्वती देश के सबसे पुराने मठों में से एक के प्रमुख थे और वह काफी लंबे समय से इस पद पर आसीन थे। 1994 में वह श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामीगल के बाद इस शैव मठ के 69वें प्रमुख बने थे।

जयेंद्र सरस्वती की पहल से मुफ्त अस्पताल, शिक्षण संस्थान और बेहद सस्ती कीमत पर उच्च शिक्षा देने के लिए विश्वविद्यालय तक संचालित हैं।

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