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‘वेदा आकाश अंबानी’… श्लोका मेहता-आकाश अंबानी ने रखा बेटी का प्यारा सा नाम

Akash Ambani-Shloka Ambani daughter’s name: मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बेटे आकाश अंबानी और बहू श्लोका मेहता को कुछ दिनों पहले बेटी हुई है. अब अंबानी फैमिली ने एक स्वीट मैसेज के साथ बेटी के नाम की अनाउंसमेंट कर दी है. आकाश और उनकी पत्नी श्लोका ने अपनी बेटी का नाम वेदा आकाश अंबानी रखा है. वेदा का मतलब होता है- ‘बहुत खूबसूरत’. अंबानी परिवार ने एक कार्ड शेयर कर इस नाम की अनाउंसमेंट की है. इस कार्ड को अंबानी अपडेट नाम के फैन पेज पर शेयर किया गया है.

कार्ड में लिखा है- ”भगवान श्रीकृष्ण ओर धीरुभाई अंबानी और कोकिलाबेन अंबानी के आशीर्वाद से पृथ्वी अपनी छोटी बहन वेदा आकाश अंबानी की जन्म की घोषणा करता है.” इस कार्ड में अंबानी और मेहता परिवार के सदस्यों का नाम है.

कब हुआ बेटी का जन्म
श्लोका मेहता अंबानी ने 31 मई को बेटी को जन्म दिया था. यह आकाश अंबानी और श्लोका अंबानी की दूसरी संतान है. उनका 2 साल का बेटा भी है, जिसका नाम पृथ्वी अंबानी है. अप्रैल के महीने में नीता मुकेश अंबानी सांस्कृतिक केंद्र (NMACC) के उद्घाटन समारोह के दौरान श्लोका अंबानी के बेबी बंप को देखकर उनकी दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में सबको पता चला था.

2019 में हुई थी आकाश और श्लोका की शादी

पिछले कुछ हफ्तों से, अंबानी परिवार को कई मंदिरों में दर्शन करते हुए देखा गया था. श्लोका अपने पति आकाश अंबानी और ससुर मुकेश अंबानी के साथ बाबुलनाथ मंदिर भी गई थीं. आकाश अंबानी और श्लोका मेहता ने मार्च 2019 में शादी की थी.  इस शादी में बॉलीवुड के कई सेलेब्स शामिल हुए थे. शाहरुख खान, गौरी खान, पूरा बच्चन परिवार, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह, आलिया भट्ट समेत कई सितारे इस शादी में नजर आए थे. आपको बता दें कि कुछ समय पहले मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की बेटी ईशा अंबानी ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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