बॉलीवुड और मनोरंजन

अपने वजन को लेकर इनसिक्योर रहती हैं अनुराग कश्यप की बेटी, आलिया ने कहा- ‘मेरी हड्डियां बहुत…’

Aaliyah Kashyap On Her Weight: फिल्म मेकर अनुराग कश्यप की बेटी आलिया कश्यप अक्सर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहती हैं. हाल ही में उन्होंने अपने लॉन्ग टाइम बॉयफ्रेंड शेन ग्रेगोइरे से इंगेजमेंट की थी जिसकी तस्वीरें भी सामने आई थीं. आलिया एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर हैं और अब उन्होंने वेट गन इनसिक्योरिटीज को लेकर खुलकर बात की है.

आलिया ने हाल ही में अपने ही पॉडकास्ट अपोजिट्स अट्रैक्ट चैनल में अपने मंगेतर शेन ग्रेगोइरे  से अपने वजन बढ़ने और उसपर लोगों के कमेंट्स को लेकर अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है. उन्होंने बताया कि उनके वेट को लेकर जिस तरह के कमेंट्स उनपर किए जाते थे उससे उनके मेंटल हेल्थ पर काफी असर पड़ा. आलिया ने कहा, “मैं अपने वेट और बॉडी को लेकर अभी काफी इंसेक्योर हूं.

‘हड्डियां बहुत डरावनी थीं…’
आलिया कश्यप कहती हैं, यह पागलपन है और ये इनसिक्योरिटी मेंटल हेल्थ के लिए कितनी नुकसानदेह हो सकती है. मैं हमेशा पतली थी और मेरी पूरी जिंदगी में मेरा डायजेस्टिव सिस्टम बहुत अच्छा था. मैं बहुत खाती थी मैं हमेशा अपना वजन बढ़ाना चाहती थी. आलिया ने आगे बताया कि उनकी हड्डियां बहुत डरावनी थीं. उन्होंने कहा, चाहे मैं कितना भी खाऊं, मेरा वजन नहीं बढ़ सका और मेरी मां भी जब छोटी थीं तो वो ऐसी ही थीं. इसलिए मुझे पता है कि यह इनहेरिटेड है.

अपने लुक्स से खुश नहीं हैं आलिया
आलिया ने आगे कहा कि अब उनका वजन बढ़ गया है लेकिन इसपर उन्हें लोगों के कमेंट्स की जरूरत नहीं है. अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए आलिया कहती हैं कि वे अपने वजन को लेकर बहुत परेशान थी और जब भी कोई इसपर कमेंट करता था तो उन्हें बहुत बुरा लगता था. आलिया ने कहा, मुझे लगता है कि मैं अब बहुत बेहतर जगह पर हूं. मैं अभी भी अपने लुक्स से खुश नहीं हूं और मैं अभी भी इनसेक्योर हूं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं आज हेल्दी मेंटैलिटी में हूं.

ये भी पढ़े: Ganesh Chaturthi 2023: शिल्पा शेट्टी से लेकर राम चरण तक..इन सितारों ने धूमधाम से किया गणपति बप्पा का स्वागत, देखिए तस्वीरें

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button