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अभिषेक कुमार ने अंकिता-विक्की को सिखाया सबक, जमकर किया बवाल

छोटे पर्दे का सबसे विवादित और लोकप्रिय रियलिटी शो बिग बॉस 17 का अच्छा खासा बज बना हुआ। इस शो को जीतने के लिए सभी कंटेस्टेंट कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस लिस्ट में अंकिता लोखंडे से लेकर मुनव्वर फारूकी तक के नाम शामिल हैं। बिग बॉस में इन दिनों जंग का माहौल है। हाल ही में अभिषेक ने समर्थ जुरेल को थप्पड़ मार दिया था, जिसके बाद उन्हें घर से बेघर कर दिया गया था। हालांकि सलमान खान के बदौलत अभिषेक कुमार ने घर में धमाकेदार वापसी की है। अब हालिया एपिसोड में अभिषेक कुमार ने सिद्धार्थ शुक्ला वाला एटीट्यूड दिखाया है।

अभिषेक कुमार के निशाने पर आईं अंकिता लोखंडे

एंटरटेनमेंट वर्ल्ड का सबसे चर्चित रिटलिटी शो बिग बॉस 17 के हालिया एपिसोड में नॉमिनेशन को लेकर टास्क हुआ, जिसमें कई घरवाले नॉमिनेट हो गए। इस कार्य के दौरान घरवालों के बीच नोक-झोंक भी हईं। वहीं इस दौरान अभिषेक कुमार का पारा हाई हो गया। उन्होंने टास्क के दौरान अकेले ही अंकिता लोखंडे, विक्की जैन और ईशा मालवीय पर हमला बोल दिया। उनका ये अंदाज देख सभी घरवाले दंग रह गए। लोगों की मानें तो लेटेस्ट एपिसोड में अभिषेक कुमार में सिद्धार्थ शुक्ला की झलक दिख रही थी। Also Read – Bigg Boss 17: विक्की जैन की मां की इस बात पर भड़कीं अंकिता लोखंडे, नेशनल टीवी पर सास-बहू में हुई तू तू-मैं मैं

इन कंटेस्टेंट्स पर लटकी नॉमिनेशन की तलवार

बताते चलें कि बिग बॉस के लेटेस्ट एपिसोड में हुए नॉमिनेशन टास्क में कई सदस्यों पर तलवार लटक गई है। इस लिस्ट में अरुण माशेट्टी, समर्थ जुरेल, आयशा खान, अभिषेक कुमार, मन्नारा चोपड़ा,विक्की जैन और मुनव्वर फारूकी के नाम शामिल हैं। वहीं अंकिता लोखंडे और ईशा मालवीय इस हफ्ते सुरक्षित हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो सलमान खान के शो बिग बॉस 17 का फिनाले 28 जनवरी को है। हालांकि शो के मेकर्स की तरफ से कोई अनोउंसमेंट नहीं की गई है। मालूम हो कि बिग बॉस 17 के विनर का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि इस सीजन किसकी किस्मत चमकती है।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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