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एप्पल के लेटेस्ट मॉडल iPhone 15 को सिर्फ 40,000 में अपना बना सकते हैं आप, जानिए क्या है डील 

हेडिंग पढ़कर शायद आपको यकीन नहीं हो रहा होगा कि आप एप्पल के iPhone 15 को सिर्फ 40,000 में खरीद सकते हैं. लेकिन ये बात एकदम सच है. दरअसल, एप्पल ने इस साल सितंबर में iPhone 15 सीरीज लॉन्च की थी. इस सीरीज के तहत कंपनी ने iPhone 15, iPhone 15 Plus , iPhone 15 Pro और  iPhone 15 Pro Max स्मार्टफोन लॉन्च किया था. इस सीरीज की शुरुआत 79,900 रुपये से होकर 2 लाख रुपयों तक जाती है. हालांकि एप्पल के iPhone 15 पर ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन और फ्लिपकार्ट पर एक्सचेंज ऑफर और बैंक ऑफर का लाभ दिया जा रहा है. आप सस्ते में कंपनी के लेटेस्ट मॉडल को खरीद सकते हैं.

ऐसे बचा सकते हैं 40,000 से ज्यादा रुपये 

एप्पल के iPhone 15 की कीमत वैसे 128GB के लिए 79,900 रुपये है. हालांकि अमेजन पर इस फोन में 5,000 रुपये का डिस्काउंट HDFC बैंक केडिट कार्ड और डेबिट कार्ड EMI ट्रांसक्शन पर दिया जा रहा है. इसके अलावा मोबाइल फोन पर 34,500 रुपये का एक्सचेंज डिस्काउंट भी दिया जा रहा है. अगर आपका पुराना फोन एकदम न्यू कंडीशन में है या आपके पास कोई दूसरा प्रीमियम फोन है जैसे गैलेक्सी फोल्ड, या S23 आदि तो आपको बढ़िया एक्सचेंज वैल्यू मिल सकती है.

सभी डिस्काउंट मिलने के बाद आप iPhone 15 को महज 36,400 रुपये में खरीद सकते हैं. ध्यान दें, अमेजन पर iPhone 15 की कीमत फिलहाल 75,900 रुपये लिस्ट की गई है. आप चाहें तो iPhone 15 को Invent स्टोर से भी खरीद सकते हैं. यहां स्मार्टफोन पर 3000+5000 रुपये का डिस्काउंट दिया जा रहा है.

स्पेसिफिकेशन 

iPhone 15 के स्पेक्स की बात करें तो इसमें 6.1-इंच सुपर रेटिना एक्सडीआर डिस्प्ले और एक शक्तिशाली ए16 बायोनिक चिप का सपोर्ट मिलता है. फोन में 4x रिज़ॉल्यूशन वाला नया 48MP मेन कैमरा, साथ ही 12-मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड कैमरा और 12-मेगापिक्सल का टेलीफोटो कैमरा भी है. iPhone 15 तेज़ डेटा ट्रांसफर गति के लिए USB 3.2 Gen 5 को भी सपोर्ट करता है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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