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डेंगू होने के बाद भी राघव ने जारी रखी फिल्म की शूटिंग, खुद बताया क्यों लेना पड़ा था ऐसा फैसला

Raghav Juyal On Diagnosed With Dengue: एक्टर और कोरियोग्राफर राघव जुयाल (Raghav Juyal) फिल्म किसी का भाई किसी की जान (Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan) में नजर आएंगे. वह पहली बार सलमान खान (Salman Khan) के साथ स्क्रीन शेयर किया है. बहुत कम लोगों को पता होगा कि फिल्म किसी का भाई किसी की जान की शूटिंग के दौरान राघव डेंगू का शिकार हो गए थे लेकिन उन्होंने शूटिंग जारी रखी. अब उन्होंने खुद इसके पीछे की वजह का खुलासा किया है.

डेंगू होने के बाद भी जारी रखी शूटिंग

न्यूज एजेंसी ANI के साथ इंटरव्यू के दौरान राघव जुयाल ने बताया, ‘किसी का भाई किसी की जान की शूटिंग के दौरान पता चला कि मुझे डेंगू हो गया है. शूटिंग पूरी करने के लिए लिमिटेड टाइम था और मैं नहीं चाहता था कि प्रोडक्शन का नुकसान हो. इसलिए मैंने शूटिंग जारी रखने का फैसला किया. टीम मेरी हेल्थ का ध्यान रख रही थी. मुझे खुशी है कि मैं ऐसा करने में सफल रहा क्योंकि मैं जिस दौर से गुजर रहा था, वह मेरे कैरेक्टर से बिल्कुल अलग था.’


सलमान खान भी हुए थे डेंगू के शिकार

मालूम हो कि राघव ही नहीं बल्कि सलमान खान को भी फिल्म की शूटिंग के दौरान डेंगू हो गया था. पिछले साल सलमान ने दीवाली से पहले शूट छोड़ दिया था. सलमान के मैनेजर ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया था कि, ‘सलमान को डेंगू हो गया है और अब वह ठीक हो रहे हैं.’

इस दिन रिलीज होगी ‘किसी का भाई किसी की जान’

बताते चलें कि सलमान खान (Salman Khan) की फिल्म किसी का भाई किसी की जान (Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan) का डायरेक्शन फरहाद सामजी ने किया है. इसमें पूजा हेगड़े, वेंकटेश दग्गुबाती, शहनाज गिल, भूमिका चावला, जगपति बाबू और सिद्धार्थ निगम जैसे सितारे नजर आएंगे. ये फिल्म ईद के मौके पर 21 अप्रैल, 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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