टैकनोलजी

आजकल हर फोन के कैमरे में मिल रहा OIS, जानिए ये होता क्या है और फोटो को कैसे शानदार बनाता ह

<p style="text-align: justify;"><strong>Difference Between OIS and EIS: </strong>स्मार्टफोन हम सभी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं और इनके बिना जिंदगी कल्पना करने लायक नहीं है. समय के साथ स्मार्टफोन भी बदल रहे हैं और इनके साथ ऐसी टेक्नोलॉजी दी जा रही है जो चीजों को आसान और शानदार बनाती हैं. जैसे पहले सामान्य तरह के कैमरा स्मार्टफोन में आते थे लेकिन अब OIS सपोर्ट वाले कैमरा मोबाइल फोन में मिलने लगे हैं. इन दिनों जो भी स्मार्टफोन लॉन्च होता है उसमें OIS सपोर्ट कंपनी जरूर देती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि OIS होता क्या है? साथ ही ये किस तरह से काम करता है? अगर नहीं, तो इस लेख में हम आपको एकदम सरल शब्दों में समझाने वाले हैं कि ये क्या है और किस तरह काम करता है?</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>सरल शब्दों में समझ लीजिए मतलब</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">OIS का मतलब है ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन. एकदम सरल शब्दों में समझाएं तो इसका काम फोटो को स्टेबलाइज करना होता है. दरअसल, जब हम स्मार्टफोन से फोटोग्राफी करते हैं तो क्योंकि हम प्रोफेशनल नहीं हैं इस वजह से हमारा हाथ कई बार फोटो क्लिक करते वक्त हिल जाता है. इससे पिक्चर धुंधली या ब्लरी आ जाती है. लेकिन OIS सपोर्ट होने की वजह से फोटो खराब नहीं होती क्योंकि ये टेक्नोलॉजी कैमरा मूवमेंट को एडजस्ट कर लेती है जिससे फोटो सही आती है.</p>
<p style="text-align: justify;">OIS में एक छोटा जायरोस्कोप (माइक्रो-इलेक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम (एमईएमएस) लगा होता है जो हाथ के मूवमेंट को डिटेक्ट कर कैमरे को उल्टी दिशा में ले जाता है जिससे फोटो बेहतर आती है. मान लीजिए आपका हाथ गलती से फोटो क्लिक करते वक्त नीचे की तरफ चल गया है तो जायरोस्कोप हाथ के मूवमेंट को एडजस्ट कर कमरे को ऊपर की तरफ ले जाता है और फोटो को ब्लरी आने से बचाता है. OIS कैमरे का काम इमेज को स्टेबलाइज करने का होता है. ध्यान दें, इस तरह के कैमरे छोटे-मोटे मूवमेंट को एडजस्ट करते सकते हैं न की बड़े मूवमेंट को.&nbsp;</p>
<h4 style="text-align: justify;"><strong>OIS और EIS में क्या अंतर है? बेस्ट कौन-सा है?</strong></h4>
<p style="text-align: justify;">कई लोग OIS और EIS में कंफ्यूज होते हैं. OIS का मतलब है ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन है जो एक हार्डवेयर बेस्ड टेक्नोलॉजी है जबकि EIS यानी इलेक्ट्रॉनिक इमेज स्टेबलाइजेशन एक सॉफ्टवेयर बेस्ड टेक्नोलॉजी है. EIS में कंपनियां सॉफ्टवेयर की मदद से फोटो को स्टेबलाइज यानि स्थिर करती हैं जबकि OIS में हार्डवेयर कंपोनेंट फोटो को स्टेबल बनता है. यदि बेस्ट की बात की जाए तो OIS फोटो को अच्छा बनाता है और इसे अधिकतर मोबाइल कंपनियां फोन के साथ देती है.</p>
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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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