बड़ी उम्र के डीएम विधायक हैं विकास में बाधक – पीएम मोदी !

नई दिल्ली : शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन में भाषण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय के तहत सबको बराबरी मिलनी चाहिए। इस दौरान देश के 101 पिछड़े जिलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। देश के विकास के लिए विधायक-सांसदों का शुरू हुआ यह सम्मेलन दो दिन तक चलेगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने युवा अधिकारियों की नियुक्तियों पर भी जोर दिया है l उन्होंने कहा कि हमने जिलों के विकास के लिए 115 जिलों के डीएम को बुलाया और उनसे बात की। उन्होंने कहा कि ज्यादा उम्र के डीएम विकास में बाधक हैं। विकास के लिए युवा अफसरों को प्रोत्साहित करना होगा। आम तौर पर जिले के कलेक्टर जो होते हैं उनकी उम्र 30 साल होती है लेकिन इन 115 जिलों में 80 प्रतिशत से ज्यादा जो डीएम थे वो 40 की उम्र से ज्यादा थे, कोई 45 के भी थे l
पीएम मोदी ने कहा युवा अफसरों में चुनौतियों को स्वीकार करने की क्षमता ज्यादा होती है। विकास को प्रभावित करने वाले कारणों की पहचान करना जरूरी है। इसके बाद समस्याओं का समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि अफसरों का सहयोग करें।
हमारे संविधान की विशेषता अधिकारों और कार्यों के बंटवारे के कारण नहीं है. देश में सदियों से बुराइयां घर कर गई थीं l कोई मुझे बताए, एक घर में बिजली है, बगल के घर में बिजली नहीं है, क्या सामाजिक न्याय की ये जिम्मेदारी नहीं बनती है कि दूसरे घर में भी बिजली होनी चाहिए l पीएम मोदी ने ये सभी बातें सबके सामने रखी l
पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान पर भी कहा , स्वच्छता की जब रैंकिंग शुरू हुई तो एक स्पर्धा पैदा हुई तो एक नगर पीछे रह गया तो गांव के लोग ही आवाज उठाने लगे तब आंदोलन खड़ा हुआ l
पीएम ने इस समस्या का समाधान बताते हुए आह्वान किया, ‘हमें सोचना चाहिए कि अगले 5 साल में सिर्फ नए तेज डीएम को लगाइए, देखिए क्या अंतर आता है l बराबरी के लिए सभी जिलों का विकास जरूरी है l पिछड़े जिलों का विकास हम सबका दायित्व है, जहां अफसरों और स्थानीय लीडरशिप ने मिशन मोड पर काम किया है और लोगों को जोड़ा है, वहां बेहतर काम हुआ है l