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जयपुर में मौत के बाद कोरोना पॉजिटिव निकला वृद्ध, अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों को ढूढ रहा प्रशासन, गांव को किया सील

 

आंधी (जयपुर). जिले के जमवारामगढ़ उपखंड की ग्राम पंचायत बिरासना के गांव रामनगर में पिछले एक पखवाडे से पेट की बीमारी के उपचार के लिए एसएमएस अस्पताल में भर्ती मरीज की बुधवार सुबह मौत हो गई। इसके बाद शव मिलने पर परिजनों ने बुधवार शाम 5 बजे के करीब अंतिम संस्कार कर दिया। फिर रात को पेट दर्द के मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने पर प्रशासन और परिजनों सहित गांव में हड़कम्प मच गया। सूचना पर प्रशासन गांव में पहुंचकर जांच में जुट गया है। इसके बाद प्रशासन ने पूरे गांव को सील कर दिया है। जयपुर में अब-तक 17 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है, वहीं प्रदेशभर में 29 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है।
अंतिम संस्कार में शामिल लोगो को ढूढ रहा प्रशासन…. उपखंड की ग्राम पंचायत बिरासना के गांव रामनगर में पेट में पथरी की बीमारी से ग्रसित मरीज की मौत होने पर बुधवार शाम अंतिम संस्कार में कई लोग शामिल हुए। ऐसे में प्रशासन और मेडिकल टीम उन्हे तलाश कर जांच में जुटी हुई है। सूत्रों के अनुसार प्रशासन की लापरवाही के चलते अन्तिम संस्कार में खासी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए थे जो चिंता का कारण बना हुआ है। उपखंड में अब तक तीन पॉजिटिव… जमवारामगढ़ उपखंड क्षेत्र में पहले नेवर गांव के माणक चौक थाने में तैनात कांस्टेबल, नोनपुरा निवासी सवाईमानसिंह अस्पताल जयपुर में कार्यरत वार्डब्वाय के बाद बिरासना के गांव रामनगर में कोरोना पॉजिटिव मिलने से पर प्रशासन ने गांव को सील कर दिया है।
इनका कहना है…. वृद्ध की मौत कल ही हो गई थी लेकिन रिपोर्ट में वह पॉजिटिव निकला है। वृद्ध जमवारामगढ़ के आंधी स्थित रामनगर का रहने वाला है। जयपुर में अब-तक 17 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है। —डॉ. नरोत्तम शर्मा,सीएमएचओ प्रथम

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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