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Zoom का नया अपडेट, अब एक ही कॉल पर जुड़ सकेंगे 1 मिलियन लोग, जानें डिटेल्स

Zoom Update: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म Zoom ने अपने वेबिनार क्षमताओं में एक बड़ा अपग्रेड किया है, जिससे अब एक ही कॉल पर 1 मिलियन दर्शकों को एक साथ कनेक्ट किया जा सकता है. यह अपडेट तब लिया गया है जब हालही में हाई प्रोफ़ाइल राजनीतिक फंडरेज़िंग इवेंट्स में इसकी क्षमता को बढ़ाया गया था.

मिला नया अपडेट

आपको बता दें कि इस नए अपडेट में ग्राहकों को 10,000 से 1 मिलियन प्रतिभागियों तक को एक साथ कनेक्ट किया जा सकता है. Zoom की मुख्य उत्पाद अधिकारी, स्मिता हाशिम, ने कहा कि यह अपडेट “संगठनों को बड़े पैमाने पर दर्शकों के साथ सहजता से जुड़ने और उन्हें संलग्न करने के तरीके में क्रांति ला रहा है.” यह कदम उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के राष्ट्रपति अभियान के लिए हाल ही में हुए फंडरेज़िंग इवेंट्स के बाद उठाया गया है.

वहीं हालही में Win With Black Women द्वारा होस्ट किया गया एक कॉल शामिल है, जिसमें 40,000 से अधिक लोगों को एक साथ जोड़ा गया था और बस तीन घंटों में इसने करीब $1.5 मिलियन की राशि जुटाई.

Zoom ने इस विस्तारित क्षमता के लिए राजनीति के परे अनुप्रयोगों की कल्पना की है. यह सुविधा उद्यम संचार, सार्वजनिक क्षेत्र की पहुंच, और मनोरंजन उद्योग के फैन एंगेजमेंट में उपयोग शामिल हैं. इसके साथ ही प्लेटफॉर्म अपने इवेंट सर्विसेज टीम से बड़े पैमाने पर वर्चुअल इवेंट्स ठीक तरीके से कार्य करे इसको सुनिश्चित करेगा.

प्रीमियम यूजर्स को मिलेगी सुविधा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह नई क्षमता एक प्रीमियम पर आती है. 1 मिलियन प्रतिभागियों के लिए एक बार के वेबिनार की कीमत $100,000 है, जबकि 10,000 लोगों के इवेंट की लागत $9,000 है. ऐसे में यह नया अपडेट लोगों को काफी पसंद आ सकता है. साथ ही इससे अब एक साथ कई लोगों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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