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सेंसर बोर्ड ने OMG 2 पर लगाई रोक तो अब पंकज त्रिपाठी ने किया रिएक्ट, ‘सच्चाई सामने आएगी..’

Pankaj Tripathi On OMG 2 Ban: फिल्म ‘ओह माय गॉड 2’  (OMG 2) में नजर आने वाले पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) ने हाल ही में सेंसर बोर्ड के ‘ओएमजी 2’ पर रोक लगाने वाले दावों पर प्रतिक्रिया दी है. दरअसल कुछ दिन पहले ये खबर आई थी कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सर्टिफिकेशन ने फिल्म को रिवाइजिंग कमेटी के पास भेज दिया है. जिसपर अब एक्टर ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि, फिल्म को लेकर कई लोग बहुत कुछ बोल रहे हैं लेकिन फैंस प्लीज अफवाहों पर ध्यान ना दें.  

फैंस ना दें अफवाहों पर ध्यान – पंकज त्रिपाठी
‘ओएमजी 2’ स्टार पंकज त्रिपाठी ने हाल ही में जूम टीवी को एक इंटरव्यू दिया और उसमें कहा कि, फिलहाल उन्हें इस मामले पर टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है. साथ ही एक्टर ने फैंस को अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील करते हुए कहा,  “मैं बस इतना ही कहूंगा कि प्लीज इस बारे में जो लिखा जा रहा है उस पर विश्वास ना करें..लोग बहुत कुछ बोल रहे हैं. लेकिन सच्चाई सामने आएगी जब फिल्म रिलीज होगी.”


रिलीज हुआ फिल्म का टीजर
बता दें कि फिल्म ‘ओएमजी 2’ का टीज़र हाल ही में रिलीज किया गया था. जिसमें अक्षय को भगवान शिव की भूमिका निभाते हुए देखा गया था. वहीं पंकज त्रिपाठी फिल्म में कांति शरण मुद्गल के रोल में नजर आ रहे हैं. जो भगवान शिव के भक्त हैं. फिल्म में यामी गौतम वकील की भूमिका में नजर आएंगी.

इस वजह से मचा सोशल मीडिया पर बवाल

वहीं टीजर के एक सीन में दिखाया गया कि भगवान शिव बने अक्षय कुमार का रेल की पटरियों पर बैठाकर अभिषेक किया गया है. इस सीन को लेकर यूजर्स ने सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया और मेकर्स पर धार्मिक को ठेस पहुंचाने का आरोप भी लगाया.  

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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