मायावती की वजह से मेरी बेटी मर गई और उसने मुझे पार्टी से निकाल दिया: नसीमुद्दीन सिद्दीकी

पार्टी से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा सुप्रीमो मायावती और सतीश चंद्र मिश्र पर पलटवार किया है। उन्होंने मीडिया में तीन पन्ने का प्रेस नोट जारी करके कहा, मैं अपने निजी काम से लखनऊ से बाहर आया हूं।
मुझे मेरे परिवार के लोगों और शुभचिंतकों से पता चला कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेशों और निर्देशों पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने मुझे और मेरे बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी से निकाल दिया है।
उन्होंने लिखा, सच्चाई ये है कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं वो मनगढ़ंत और निराधार हैं। जबकि ये सारे आरोप जो उन्होंने मुझ पर लगाए हैं, मैं प्रमाण के साथ उन पर साबित कर दूंगा।
जहां तक मेरे निकाले जाने का सवाल है तो मैं समझता हूं कि मेरे, मेरे परिवार और मेरे सहयोगियों को बसपा में 34-35 वर्षों की कुर्बानी का सिला दिया गया है।
नसीमुद्दीन ने लिखा, चुनाव के दौरान मेरी सबसे बड़ी संतान मेरी इकतौली बेटी बांदा में गंभीर रूप से बीमार हुई। मेरी पत्नी ने रो-रोकर मुझे फोन पर कहा, तुम आ जाओ, बेटी आखिरी सांसे ले रही है। मैंने मायावती से फोन पर अपने बेटी को दिखने की इजाजत मांगी तो उन्होंने कहा कि चुनाव फंसा हुआ है, तुम ही मेरे इलेक्शन एजेंट और चुनाव प्रभारी हो। तुम्हारे जाने का मतलब मेरा चुनाव हारना है। मायावती ने अपने स्वार्थ के चलते बेटी से मिलने नहीं जाने दिया। इलाज के अभाव में मेरी बेटी की मौत हो गई उनका आदेश मानकर मैं नहीं गया और मैं उनके कहने पर अपनी बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा सका।
नसीमुद्दीन ने लिखा, मायावती की गलत नीतियों के कारण उन्हें हार मिली। समय-समय पर उन्होंने मुझे बुलाकर अपरकास्ट, बैकवर्ड और मुसलमानों के लिए अपशब्द कहे। मायावती, सतीश चंद्र और आनंद कुमार ने ऐसे अनैतिक काम करने के लिए कहा जो मेरे वश में नहीं था। उन्होंने लिखा कि मैं अभी लखनऊ में नहीं हूं कल प्रमाण के साथ मायावती एंड कंपनी का जवाब दूंगा।