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QLED TV और OLED TV में क्या है अंतर, जानें टेक्नोलॉजी में कौन है स्मार्ट

टेलीविजन की दुनिया भी काफी बड़ी है. लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के टीवी की जब बात होती है तो इसमें QLED TV और OLED TV की चर्चा होती है. लेकिन क्या आपने इन दोनों टर्म पर ध्यान दिया है कि आखिर इन दोनों तरह के टीवी में क्या फर्क है. QLED (क्वांटम डॉट लाइट इमिटिंग डायोड) और OLED (ऑर्गेनिक लाइट इमिटिंग डायोड) दोनों मॉडर्न टीवी में इस्तेमाल होने वाले दो अलग डिस्प्ले टेक्नोलॉजी हैं. जबकि दोनों में ही शानदार पिक्चर क्वालिटी मिलती है, बावजूद इन दोनों तरह के टीवी में टेक्नोलॉजी और दूसरी चीजों को लेकर अंतर है.

टेक्नोलॉजी में क्या है फर्क

QLED TV में क्वांटम डॉट्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो छोटे सेमीकंडक्टर नैनोक्रिस्टल्स होते हैं जो फ्लेम एमिट करते हैं जब उन्हें एक लाइट सोर्स या इलेक्ट्रिक करेंट से प्रभावित किया जाता है. ये क्वांटम डॉट्स एक LED बैकलाइट के सामने रखे जाते हैं, और बैकलाइट द्वारा जेनरेट लाइट क्वांटम डॉट्स से गुजरकर स्क्रीन पर रंगीन पिक्सल बनाती है.

OLED TV में, ऑर्गेनिक कम्पाउंड का इस्तेमाल किया जाता है, यह इलेक्ट्रिक करेंट ऑन होने पर लाइट जेनरेट करते हैं. OLED डिस्प्ले में हर पिक्सल खुद प्रकाशित होता है, जिसका मतलब है कि यह अपने आप में उत्सर्जित लाइट उत्पन्न करता है और अलग-अलग पिक्सल्स को इनविजिबल किया जा सकता है. इससे OLED TV में बेहतर कंट्रास्ट रेशियो और गहरे काले रंग होते हैं, क्योंकि हर पिक्सल को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है, जिससे ट्रू ब्लैक कलर मिलते हैं.

पिक्चर क्वालिटी

QLED TV में आम तौर पर हाई ब्राइटनेस लेवल प्रोवाइड किया जाता है, जिससे यह ब्राइट रूम या बहुत सारे परिवेशों में अच्छी तरह से उपयुक्त होती है. यह लाइव कलर उपलब्ध कर सकती है, यहां तक कि रीयल कलर से भी अच्छी होती है. हालांकि, LED बैकलाइट के उपयोग के कारण ट्रू ब्लैक कलर को हासिल करना कठिन होता है.

OLED TV की पिक्चर क्वालिटी बेहद शानदार है, खासकर जब यह कंट्रास्ट और काले रंग के मामले में आता है. क्योंकि हर पिक्सल खुल लाइट करता है, इसलिए OLED TV ट्रू ब्लैक कलर मिलता है, जिससे इसमें हाई कंट्रास्ट और अच्छे पिक्चर मिलते हैं. 

व्यूइंग एंगल में भी अंतर

QLED TV के पास आम तौर पर अच्छे व्यूइंग एंगल होते हैं, लेकिन एक्स्ट्रीम एंगल से देखने पर कुछ कलर चेंज या लाइट की हानि हो सकती है.

OLED टीवी: OLED टीवी में शानदार व्यूइंग एंगल होते हैं, क्योंकि हर पिक्सल खुद लाइट करता है. इसका मतलब है कि आपको लगभग किसी भी एंगल से एक समान पिक्चर क्वालिटी मिलेगी.

बर्न-इन के मामले में फर्क

QLED टीवी में बर्न-इन की समस्या नहीं होती है, क्योंकि इसमें एक LED बैकलाइट और क्वांटम डॉट्स का उपयोग किया जाता है, जो इमेज कैप्चर करने के लिए कम संवेदनशील होते हैं.

OLED टीवी की पश्चिमी दिशा में ज्यादा शेडिंग या बर्न-इन की समस्या थी. अगर एक परमानेंट इमेज को एक्सटेंडेट टाइम तक स्क्रीन पर शो किया जाए, तो यह धुंधली इमेज छोड़ सकता है. हालांकि, एडवांस OLED टीवी ने बर्न-इन के जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न टेक्नोलॉजी को अमल में लाया है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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