बॉलीवुड और मनोरंजन

अंकिता लोखंडे को फिल्म ‘वीर सावरकर’ में नहीं देखना चाहते थे रणदीप हुड्डा, एक्ट्रेस ने खुलासा करते हुए बताई वजह

Ankita Lokhande On Film Veer Savarkar Casting: सलमान खान के रियलिटी शो बिग बॉस 17 में नजर आई अंकिता लोखंडे इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म वीर सावरकर के प्रमोशन में बिजी हैं। ये फिल्म 22 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। अंकिता लोखंडे ने अपनी इस फिल्म का खुलासा बिग बॉस 17 से बाहर आकर किया था। फिल्म में अंकिता वीर सावरकर की पत्नी यमुनाबाई सावरकर की भूमिका में नजर आएंगी। फिल्म में वह रणदीप हुड्डा के अपोजिट रोल प्ले कर रही हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि रणदीप अंकिता को इस फिल्म में कास्ट नहीं करना चाहते थे। अंकिता लोखंडे ने खुद इस बात का खुलासा किया है।

अंकिता लोखंडे ने कही ये बात

हाल ही में रणदीप हुड्डा अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) के साथ फिल्म का प्रमोशन करने पुणे पहुंचे। यहां पर दोनों ही कलाकार ने पैपराजी के ढेर सारे सवालों का जवाब दिया। इसी मौके पर अंकिता ने बताया कि फिल्म वीर सवारकर (Veer Savarkar) में रणदीप उनकी एंट्री के खिलाफ थे। अंकिता लोखंडे ने कहा, ‘रणदीप ने मुझसे कहा था कि मुझे नहीं लगता कि तुम मुझे फिल्म में चाहिओ। आप इस किरदार के लिए काफी ज्यादा सुंदर हो। उन्होंने बहुत ज्यादा रिसर्च की थी और इसी वजह से वह अपनी बात पर इतने ज्यादा श्योर थे कि उन्हें फिल्म में क्या चाहिए। उन्हें सब कुछ पता था कि वह (यमुनाबाई सावरकर) कैसी हैं। वह एक सफल पुरुष (वीर सावरकर) के पीछे की सफल महिला थीं।’

डेब्यू फिल्म के बाद अंकिता को नहीं मिला था काम

अंकिता लोखंडे टीवी इंडस्ट्री में सालों से काम कर रही हैं। एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ झांसी से कदम रखा था। इस फिल्म में लीड रोल कंगना रनौत ने निभाया था। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई थी और अंकिता लोखंडे का करियर भी पूरी तरह बैठ गया था। खुद अंकिता लोखंडे ने कई इंटरव्यू में खुलासा किया था कि इस फिल्म के बाद उन्हें कोई भी काम नहीं दे रहा था। वह खुद कई फिल्ममेकर्स के पास काम मांगने गई थीं, लेकिन कोई भी उनके साथ काम नहीं करना चाहता था।

बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

  • ByKavita
  • Published: March 12, 2024 11:18 AM IST

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button