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फायरिंग मामले के बीच दुबई पहुंचे सलमान खान, मस्ती के मूड में दिखे भाईजान, ऐसे हुआ स्वागत

Salman Khan Reached Dubai: 14 अप्रैल को हुए फायरिंग कांड के बाद सलमान खान अब अपनी नॉर्मल लाइफ में वापस लौट आए हैं. शुक्रवार की सुबह तगड़ी सीक्योरिटी के साथ सुपरस्टार को मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया. इस दौरान भाईजान काफी काफी कूल लुक में नजर आए. 

फायरिंग मामले के बीच दुबई पहुंचे सलमान खान
बता दें कि सलमान खान दुबई में एक इवेंट अटेंड करने के लिए गए हुए हैं. इस बीच अब भाईजान का एक नया वीडियो सामने आया है, जहां वे दुबई एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए नजर आ रहे हैं. काला चश्मा और ब्लैक आउटफिट पहने जैसे ही सलमान एयपोर्ट से बाहर निकले, उन्हें देखकर पैपराजी आई लव यू भाईजान चिल्लाने लगे. ऐसे में सलमान ने भी उन्हें देखकर एक प्यारी सी स्माइल दी.


मस्ती के मूड में दिखे भाईजान
इस दौरान सलमान मस्ती के मूड में भी दिखाई दिए. वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लड़कियां भाईजान को फूलों गुलदस्ता दे रही हैं, तभी सलमान खान उनके कान में कुछ बोलते हैं और वो हंस पड़ती हैं. सोशल मीडिया पर सुपरस्टार का ये वीडियो खूब वायरल हो रहा है.  बता दें कि सलमान यहां डेन्यूब डायमंडज पर अपनी Being Strong कंपनी का फिटनेस इक्विपमेंट्स को लॉन्च करने के लिए आए हैं. 

ये है पूरा मामल
बता दें कि 14 अप्रैल को सलमान खान के बांद्रा स्थित गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर तीन राउंड फायरिंग हुई थी. रविवार की सुबह दो अंजान शख्स ने उनके घर पर गोली चलाई थी. उस वक्त भाईजान घर के अंदर ही थे. हालांकि, इस घटना के फौरन बाद महाराष्ट्र सरकार हरकत में आ गई और सुपरस्टार के घर के बार सुरक्षा बढ़ा दी. वहीं 24 घंटे के अंदर पुलिस ने उन दोनों अपराधियों को भी पकड़ लिया. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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