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होली पर रानी चटर्जी ने दिखाया देसी लुक, वायरल हुईं फोटोज

भोजपुरी इंडस्ट्री की खूबसूरत एक्ट्रेस रानी चटर्जी सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं। रानी चटर्जी की फोटोज का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं, जिस वजह से वो अक्सर अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। रानी चटर्जी का कोई भी पोस्ट पलभर में इंटरनेट पर वायरल हो जाता है। इस बीच भोजपुरी की क्वीन रानी चटर्जी ने अपने फैंस को विजुअल ट्रीट दिया है। होली के मौके पर रानी चटर्जी की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जो कि इंटरनेट जगत में धड़ल्ले से वायरल हो रही हैं।

रानी चटर्जी ने दिखाया देसी लुक

भोजपुरी की क्वीन रानी चटर्जी ने एक बार फिर से इंटरनेट पर हलचल बढ़ा दी है। रानी ने अपने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें वो साड़ी में नजर आ रही हैं। रानी चटर्जी ने होली के मौके पर अपना देसी लुक दिखाया है। रानी का ये लुक देख फैंस खुशी से खिलखिला उठे हैं। रानी चटर्जी की फोटोज पर लोग दिल खोलकर प्यार बरसा रहे हैं। वहीं कई लोग रानी के पोस्ट पर कमेंट भी कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, ‘रानी चटर्जी तो बिल्कुल माधुरी दीक्षित जैसी लग रही है।’ वहीं दूसरे यूजर ने उन्हें परम सुंदरी बताया है। Also Read – रानी चटर्जी ने दिखाया चांद सा मुखड़ा, भोजपुरी एक्ट्रेस का नो मेकअप लुक देख गदगद हुए फैंस

बेहद पॉपुलर हैं रानी चटर्जी

बताते चलें कि भोजपुरी एक्ट्रेस रानी चटर्जी की हर अदा पर लोग फिदा हैं। रानी चटर्जी की फैन फॉलोइंग काफी तगड़ी है। इंस्टाग्राम पर रानी चटर्जी को 1.8 मिलियन लोग फॉलो करते हैं। रानी चटर्जी ने भोजपुरी के अलावा ओटीटी वर्ल्ड में भी तहलका मचाया है। एक्ट्रेस रानी चटर्जी ने वेब सीरीज मस्तराम में काम किया था। इस सीरीज की वजह से रानी चर्चा में आ गई थी क्योंकि रानी चटर्जी ने इस वेब सीरीज में बेहद बोल्ड सीन्स दिए थे। Also Read – भोजपुरी एक्ट्रेस रानी चटर्जी ने साड़ी में किया गजब का डांस, वीडियो देख फैंस बोले- ‘दिन बन गया’

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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