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WhatsApp में जल्द आप चैट्स को कर पाएंगे फ़िल्टर, आ रहा ये मस्त फीचर

WhatsApp Chatlist Filters: दुनियाभर में वॉट्सऐप के 2 बिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं. कंपनी यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर ऐप में अपडेट लाते रहती है. जल्द मेटा वॉट्सऐप चैट्स को और अच्छे तरीके से ऑर्गेनाइज करने के लिए यूजर्स को 3 नए ऑप्शन देने वाला है. वॉट्सऐप के डेवलपमेंट पर नजर बनाएं रखने वाली वेबसाइट Wabetainfo के मुताबिक, कंपनी एक नए टूल पर काम कर रही है जो यूजर्स को चैट्स को मैनेज करने के लिए 3 फ़िल्टर देगा. इनकी मदद से यूजर्स चैट्स को बेहतर तरीके से ऑर्गेनाइज कर पाएंगे.

मिलेंगे ये 3 फ़िल्टर 

मेटा चैटलिस्ट के अंदर 3 नए ऑप्शन जल्द देगी जिसमें unread, personal और business शामिल है. इनपर क्लिक करने से सम्बंधित चैट्स अपने आप उस फ़िल्टर के तहत आ जाएगी और आप आसानी से चैट्स को ऑर्गेनाइज कर पाएंगे. इस नए ऑप्शन से आपका काफी समय भी बचेगा. ये अपडेट फिलहाल वॉट्सऐप के बीटा वर्जन 2.23.14.17 में देखा गया है. आने वाले समय में कंपनी इसे सभी के लिए रोलआउट करेगी. हालांकि एक ऑप्शन मेटा को इसमें Groups का भी जोड़ना चाहिए था क्योकि वॉट्सऐप में ज्यादातर लोग ग्रुप्स का इस्तेमाल ऑफिस और फैमिली कन्वर्सेशन के लिए करते हैं. हो सकता है कि कंपनी आने वाले समय में ये ऑप्शन दे. 

विंडो ऐप में कुछ लोगों को मिलने लगा ये फीचर

वॉट्सऐप विंडो ऐप में कंपनी ने एक नया टेक्स्ट रिसाइज ऑप्शन दिया है जिसकी मदद से यूजर्स ऐप में टेक्स्ट के साइज को बड़ा सकते हैं. यूजर्स चाहें तो शॉटकट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको Ctrl और + या – का इस्तेमाल करना होगा. टेक्स्ट को री-साइज करने का ऑप्शन आपको सेटिंग के अंदर personalisation में मिलेगा. बता दें, इसके अलावा भी मेटा कई नए फीचर्स पर काम कर रहा है जो आने वाले समय में लोगों को मिलेंगे.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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