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गूगल क्रोम ने iPhone होम स्क्रीन पर वेबसाइट शॉर्टकट को किया इनेबल, यहां समझें पूरी बात

आईफोन (iPhone) यूजर्स के लिए एक अच्छी खबर है. अब आप गूगल क्रोम का इस्तेमाल करके सीधे अपनी होम स्क्रीन से शॉर्टकट ऐप तक आसानी से पहुंच सकते हैं. ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि गूगल क्रोम ने आइफोन होम स्क्रीन पर वेबसाइट शॉर्टकट को इनेबल कर दिया है. गूगल का यह लेटेस्ट अपडेट iOS और iPadOS डिवाइस के लिए नई सुविधा उपलब्ध करा रहा है. खबर के मुताबिक, टेक दिग्गज एप्पल (Apple) की तरफ से लेटेस्ट iOS 16.4 रिलीज़ में, WebKit और वेब ऐप की क्षमताओं में काफी बदलाव किए गए थे.

यूआरएल या प्रोग्रेसिव वेब ऐप्स जोड़ सकते हैं

iOS 16.4 के साथ वेब ऐप्स में पुश नोटिफिकेशन तक एक्सेस और iPhone और iPad होम स्क्रीन पर वेब ऐप्स जोड़ने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स की परमिशन जैसी क्षमताएं है. अब आईफोन यूजर अपनी होम स्क्रीन पर यूआरएल या प्रोग्रेसिव वेब ऐप्स जोड़ सकते हैं. 

9to5mac.com की खबर के मुताबिक, जब आईओएस होम स्क्रीन पर एक वेब ऐप ऐ़ड किया जाता है, तो आप इसे ओपन कर सकते हैं और इसका इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे कि यह एक रेगुलर ऐप था, जिसका अर्थ है कि आपको इसे सफारी, Google क्रोम या किसी दूसरे वेब ब्राउज़र में ओपन करने के लिए रीडायरेक्ट नहीं किया जाएगा.

लेटेस्ट अपडेट में कई सुविधाएं

एप्पल अपने इकोसिस्टम में सभी यूजर्स के लिए इन सुविधाओं को सक्रिय रूप से पेश कर रहा है, जबकि मैकओएस सोनोमा का बीटा वेरिएंट भी यूजर्स को वेब ऐप शॉर्टकट जोड़ने की क्षमता प्रदान कर रहा है. इन डेवलपमेंट के अलावा, iOS प्लेटफ़ॉर्म को पिछले महीने कई उल्लेखनीय सुविधाएं हासिल हुई हैं. यूजर्स अब गूगल लेंस के समान प्रोडक्ट्स को खोजने के लिए अपने डिवाइस के कैमरे का लाभ उठा सकते हैं और आसानी से अपने कैलेंडर पर ईवेंट बना सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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