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वीकडे में ‘फुकरे 3’ गिरी धड़ाम, छठे दिन किया बस इतना कलेक्शन

Fukrey 3 Box Office Collection Day 6: बॉक्स ऑफिस पर इस समय फिल्मों का धमाल जारी है. रिलीज हो रही फिल्में लोगों को एंटरटेन करने में कामयाब साबित हो रही हैं. बीते हफ्ते रिलीज हुई फुकरे 3 बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है. फुकरे फ्रेंचाइजी की तीसरी फिल्म सिनेमाघरों में छाई हुई है. पहले दिन से लेकर वीकेंड तक फुकरे 3 ने शानदार कमाई की है मगर वीकडे पर कलेक्शन फुस्स होता जा रहा है. फुकरे 3 का छठें दिन का कलेक्शन सामने आ गया है जो बहुत कम हो गया है. हालांकि फिल्म की कमाई वीकेंड पर फिर से बाजी मार सकती है. 

फुकरे 3 ने आते ही शाहरुख खान की जवान को पीछे छोड़ दिया है. रोजाना ये फिल्म जवान से ज्यादा कलेक्शन कर रही है. छठे दिन भी इसने जवान से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया है. पुलकित सम्राट, ऋचा चड्ढा, वरुण शर्मा और पंकज त्रिपाठी एक बार फिर लोगों को हंसाने में कामयाब हो रही है.

छठें दिन किया इतना कलेक्शन
फुकरे 3 बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है. सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक फुकरे 3 ने छठे दिन 4.75 करोड़ का कलेक्शन किया है. जिसके बाद टोटल कमाई 59.92 करोड़ हो गई है. फिल्म 60 करोड़ के क्लब में शामिल होने वाली है. फुकरे 3 वीकेंड तक 80 करोड़ का कलेक्शन कर लेगी.

सभी फिल्मों को छोड़ा पीछे
फुकरे 3 के साथ सिनेमाघरों पर द वैक्सीन वॉर और कंगना रनौत की चंद्रमुखी 2 रिलीज हुई थी. दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पा रही हैं. कमाई के मामले में फुकरे 3 ने द वैक्सीन वॉर और चंद्रमुखी 2 को बहुत पीछे छोड़ दिया है. इन दोनों ही फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर लगभग सफाया ही हो गया है.

फुकर 3 की बात करें तो इसे मृगदीप सिंह लांबा ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में अली फजल का खास कैमियो है. ट्रेलर में अली के रोल के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी. ये फैंस के लिए एक सरप्राइज था.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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