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फास्ट चार्जिंग स्मार्टफोन पर कस्टमर्स का आ रहा दिल, ग्लोबल सेल्स में रहा 80 प्रतिशत हिस्सा

स्मार्टफोन की बिक्री में एक नया ट्रेंड उभरकर सामने आया है. दुनियाभर में फास्ट चार्जिंग स्मार्टफोन (Fast charging smartphones) को कस्टमर्स ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि 2023 की पहली तिमाही (Q2) में दुनियाभर में कुल स्मार्टफोन बिक्री में फास्ट चार्जिंग स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है. यहां फास्ट चार्जिंग स्मार्टफोन उन हैंडसेट को माना गया है जिसमें 10W से ज्यादा चार्जिंग क्षमता है. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, बिक्री का प्रतिशत साल 2022 की पहली तिमाही में 74 प्रतिशत और 2018 की पहली तिमाही में 29 प्रतिशत दर्ज किया गया. 

स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ा

खबर के मुताबिक, काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक, फास्ट चार्जिंग-इनेबल स्मार्टफोन (Fast charging smartphones) की बढ़ती एक्सेप्टेंस का श्रेय स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग और हार्डवेयर में निरंतर प्रगति को दिया जाता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीनी स्मार्टफोन ब्रांड अलग-अलग मूल्य बिंदुओं पर हाई-वाट क्षमता वाली चार्जिंग शुरू करके इस ट्रेंड का नेतृत्व कर रहे हैं.

300W तक फास्ट चार्जिंग क्षमता वाले स्मार्टफोन कर 

स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों ने फास्ट चार्जिंग हैंडसेट पर फोकस तेज किया है. कंपनियां 200W और 300W तक की चार्जिंग वाले हैंडसेट तक शोकेस किए हैं. चाइनीज ब्रांड में रीयलमी और शाओमी फास्ट चार्जिंग हैंडसेट बना रहे हैं. हाल ही में OPPO ने प्रभावशाली 300W फास्ट चार्जिंग क्षमता वाले स्मार्टफोन (fast charging smartphone sales) शोकेस किए हैं. वरिष्ठ विश्लेषक कर्ण चौहान ने कहा कि चार्जिंग की गति बेहद तेज है, जिससे यूजर्स कुछ ही मिनटों में अपने फोन को चार्ज कर सकते हैं.

फास्ट-चार्जिंग टे क्नीक को सस्ता करने पर जोर

खबर के मुताबिक, 30W से ज्यादा पावर वाले स्मार्टफोन (Fast charging smartphones)पूरी तरह से खराब हो चुके फोन को लगभग एक घंटे में चार्ज कर सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन को एक घंटे में चार्ज करना स्मार्टफोन मैनुफेक्चरिंग के लिए एक मजबूत सेल्स प्वाइंट हो सकता है. स्मार्टफोन ब्रांड फास्ट-चार्जिंग टेक्नीक को सस्ता बनाने पर फोकस कर रहे हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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