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MCD: AAP के 40, कांग्रेस के 92 कैंडिडेट की जमानत जब्त

MCD चुनाव में बीजेपी की लहर में आम आदमी पार्टी (AAP) कांग्रेस के कई प्रत्याशियों समेत सैकड़ों उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। MCD चुनाव में कुल 2,516 उम्मीदवारों में से 70 फीसदी अपनी जमानत राशि नहीं बचा पाए। दिल्ली की सत्तारूढ़ AAP के 40 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के 92 उम्मीदवारों ने जमानत राशि गंवा दी। लगातार तीसरी बार MCD की सत्ता में काबिज होने वाली बीजेपी के भी 5 उम्मीदवारों को जमानत राशि खोनी पड़ी है।

दिल्ली चुनाव आयुक्त एस. के. श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया, ‘करीब 1,790 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 2012 के MCD चुनावों में कुल 2,423 प्रत्याशियों में से 1,782 के जमानत जब्त हो गए थे।’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘बीएसपी के 192, जेडी (यू) के 94, शिवसेना के 56 में 55 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 2012 के MCD चुनाव में बीएसपी के 203, बीजेपी के 18, और कांग्रेस के 26 उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो गई थी।

गौरतलब है कि बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर को मात देते हुए MCD में 181 सीटें जीती हैं। बीजेपी पिछले 10 सालों से MCD में सत्तारूढ़ है। 23 अप्रैल को हुए चुनाव में MCD के 272 सीटों में से 270 सीटों पर वोटिंग हुई थी। दो सीटों पर वोटिंग वहां उम्मीदवारों के निधन के कारण स्थगित कर दी गई थी।

बीजेपी को उत्तरी निगम में 64, पूर्वी नगर निगम में 47 और दक्षिण निगम में 70 सीटें मिली। वहीं AAP को उत्तरी निगम में 21, पूर्वी निगम में 11 और दक्षिण में 16 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस को उत्तरी निगम में 15, पूर्वी निगम में 3 और दक्षिण निगम में 12 सीटों से संतोष करना पड़ा।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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