टैकनोलजी

ChatGPT के बाद ओपन एआई अब इस खास डिवाइस पर कर रही काम, डिटेल जानिए

OpenAI Smartphone: बीते बुधवार को एप्पल से एक खबर आई कि कंपनी के एकऔर एग्जीक्यूटिव ने नौकरी छोड़ दी है. दरअसल, Tang Tan एप्पल में iPhone और स्मार्टवॉच की डिजाइन टीम का हिस्सा थे. नौकरी छोड़ने के बाद tang जहां जा रहे हैं उस खबर से सभी को उत्साहित किया है. दरअसल, Tang लवफ्रॉम को चलाने वाले Jony Ive को जॉइन करने वाले हैं जो एप्पल के एक्स कर्मचारी हैं. कुछ समय पहले ये खबर सामने थी कि Jony Ive और उनकी कंपनी एक AI डिवाइस पर काम कर रही है जो आने वाले समय में एक बड़ा रिवॉल्यूशन ला सकता है. लवफ्रॉम को ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन का समर्थन प्राप्त है.

लवफ्रॉम चलाने वाले Jony Ive ने एप्पल के साथ 27 सालों तक काम किय और उन्होने कंपनी के लिए कई डिजाइन तैयार किए. 2019 में Jony Ive ने नौकरी छोड़ दी और वे अलग-अलग कंपनियों के साथ काम करने लगे. फिलहाल उनका लेटेस्ट क्लाइंट ओपन एआई है.

ओपन एआई बनी रही ये खास डिवाइस 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, लवफ्रॉम कंपनी में तीनो मिलकर एक नए डिवाइस पर काम कर रहे हैं जो स्मार्टफोन और कम्प्यूटर मार्केट में रेवोल्यूशन ला सकता है. कहा जा रहा है कि लवफ्रॉम एक AI स्मार्टफोन पर काम कर रही है जो आने वाले समय में मोबाइल एक्सपीरियंस को एकदम बदल देगा. हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इस विषय में कोई जानकारी सामने नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, Jony Ive ने करीब 20 लोगों की टीम तैयार की है और वे नए साल में किसी भी वक्त अपने डिवाइस को पेश कर सकते हैं. हो सकता है ये स्मार्टफोन न हो लेकिन ये जरूर एक AI डिवाइस होगा. ओपन एआई के सीईओ सैम ऑल्ट मैन अभी से फ्यूचर स्मार्टफोन पर काम करने लगे हैं. हाल ही में लॉन्च हुए HumaneAI पिन में उन्होंने बड़ी इन्वेस्टमेंट की है. ये डिवाइस मोबाइल से अलग है और खास तरीके से काम करता है.  

यह भी पढ़ें:

Electronic Soil: अब मिट्टी भी हुई इलेक्ट्रॉनिक! 15 दिन में फसल होगी दोगुनी, इतनी बढ़ जाएगी उपज

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button