Live: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सरासर उल्लंघन, सबरीमाला मंदिर में महिला प्रवेश को लेकर भारी बवाल!

केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक पर सुप्रीम कोर्ट अपना ऐतिहासिक फैसला सुना चुकी है जो कि महिलाओं के हीत में हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद आज पहली बार सबरीमाला मंदिर के कपाट खुलने जा रहे हैं। लेकिन मंदिर प्रशासन और स्वामी अयप्पा में आस्था रखने वाले भक्त अभी भी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के हक में नहीं हैं।
सबरीमाला मंदिर के द्वार सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुलने के फैसले को लेकर केरल में सियासी घमासान मचा हुआ है। मंदिर के कपाट खुलने का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है भक्तों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद यहाँ महिलाओं को प्रवेश नहीं देने की कोशिश को प्रवेश न देने की कोशिश लगातार जारी है।
धर्म सेना का कहना है कि महिलाओं को रोकने के लिए पुरुष और महिला कार्यकर्ता मंदिर के सामने ज़मीन पर लेट जाएंगे। अयप्पा धर्म सेना के राहुल ईश्वर ने बीबीसी हिंदी को बताया, “हम गांधीवादी तरीका अपनाएंगे और रास्ते के बीच ज़मीन पर लेट जाएंगे। अगर आप मंदिर में प्रवेश करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए हमारे सीने पर पैर रख कर आगे बढ़ना होगा।”
पिल्लई ने सीपीएम की अगुवाई वाली वाम मोर्चा सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सबरीमला की परंपरा को ख़त्म करने के लिए वो लोग सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
वो कहते हैं कि लाखों लोगों ने इस मार्च का समर्थन किया है, “सरकार को इस विरोध के मायने समझने चाहिए और अपना रुख़ बदलना चाहिए।” इस मार्च का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सरकार इस मामले में एक रिव्यू पीटीशन दायर करे और ये सुनिश्चित करे कि कैसे परंपरा फिर से बहाल हो सके। अदालत के आदेश के बावजूद, ऐसा नहीं लग रहा कि स्वामी अयप्पा मंदिर में महिला भक्तों के लिए आने वाला वक्त आसान होने जा रहा है।
जहाँ एक तरफ स्वामी अयप्पा के दर्शन के लिए महिला श्रद्धालु जुटने लगीं हैं, वही दूसरी तरफ बीजेपी ने मार्च निकालकर केरल सरकार का विरोध भी किया है। ऐसे में राज्य में तनाव का माहौल है। हालांकि, पुलिस-प्रशासन ने महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिया है, और मंदिर परिसर के बाहर विरोध-प्रदर्शन और तनाव के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।