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महाराष्ट्र विधानसभा से कांग्रेस-एनसीपी के 19 विधायक 9 महीने के लिए निलंबित

ब्रिजेश बड़गुजर( उप संपादक SBT )महाराष्ट्र: राज्य बजट के दौरान नारेबाजी और मंजीरे बजाने वाले विधायकों को निलंबित कर दिया गया है. महाराष्ट्र विधानसभा से 19 विपक्षी विधायकों को निलंबित किया गया . इन सभी पर सदन की अवमानना का आरोप है. निलंबित विधायकों में 10 एनसीपी के और 9 कांग्रेस के हैं. महाराष्ट्र सरकार का बजट पिछले शनिवार 18 मार्च को पेश किया गया. इस दौरान विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में जोरदार नारेबाजी की.

आंदोलनकारी विधायक किसान कर्जमाफी की मांग के लिए आंदोलन कर रहे थे. वे अपने साथ मंजीरे और बैनर लाए थे. वित्तमंत्री सुधीर मुनघंटीवार के भाषण के समय इन विधायकों ने अपनी नारेबाजी जारी रखी और मंजीरे बजाकर शोर किया. साथ लाए बैनर भी लहराए ताकि वित्तमंत्री के भाषण के दौरान व्यवधान पैदा हो. सदन में किसी भी जनप्रतिनिधि को ऐसे बर्ताव की अनुमति नहीं होती. यही नहीं तो सदन के बाहर आंदोलनकारी सदस्यों ने बजट की कॉपी भी जलाई.

बजट के बाद आज जब सदन की कार्रवाई शुरू हुई तब सत्तापक्ष ने आंदोलनकारी विधायकों पर कार्रवाई का प्रस्ताव रखा. संसदीय कार्यमंत्री गिरीश बापट ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने के दोषी पाए 19 विधायकों को 31 दिसंबर 2017 तक सदन से निलंबित किया जाए. सदन ने इस प्रस्ताव को मंजूर करने के बाद विधायकों के निलंबन की प्रक्रिया पूरी हो गई.

इस सज़ा को पानेवाले सदस्यों को निलंबन काल के दौरान विधानमंडल के आहाते में प्रवेश वर्जित होगा, जिस वजह से आगामी मॉनसून और शीतकालीन सत्र में वे शिरकत नहीं कर सकेंगे. साथ ही इस दौरान बतौर सदस्य वे किसी भी लाभ को सम्पूर्णरूप से प्राप्त नहीं कर सकेंगे. कांग्रेस विधायक संजय दत्त ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा है कि इससे राज्य सरकार की किसान विरोधी नीति उजागर होती है.

निलंबित विधायकों के नाम इस प्रकार हैं-
अमर काले– कांग्रेस
भास्कर जाधव – एनसीपी
विजय वडेट्टीवार- कांग्रेस
जितेंद्र आव्हाड – कांग्रेस
हर्षवर्धन सकपाल – कांग्रेस
मधुसूदन केंद्रे – एनसीपी
अब्दुल सत्तार – कांग्रेस
संग्राम जगताप – एनसीपी
अवधूत तटकरे – एनसीपी
डी.पी. सावंत – कांग्रेस
संग्राम थोपटे – कांग्रेस
अमित झनक – कांग्रेस
कुणाल पाटील – कांग्रेस
दीपक चव्हाण – एनसीपी
राहुल बोंद्रे – कांग्रेस
नरहरी झिरवाळ – एनसीपी
वैभव पिचड- एनसीपी
जयकुमार गोरे – कांग्रेस
दत्ता भरणे – एनसीपी

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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