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‘कहानी अभी खत्म नहीं हुई…’ कार्तिक आर्यन ने शेयर किया ‘भूल भुलैया 3’ का टीजर

Bhool Bhulaiya 3 Teaser Released: हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार कार्तिक आर्यन एक बार फिर रुह बाबा के किरदार से फैंस का दिल जीतने आ रहे हैं. ‘भूल भुलैया 2’ की अपार सफलता के बाद अब मेकर्स ‘भूल भुलैया 3’ को लेकर आ रहे हैं. जिसका एलान कार्तिक आर्यन ने सोशल मीडिया पर किया है. कार्तिक ने ‘भूल भुलैया 3’ की घोषणा के साथ फिल्म का टीजर भी रिलीज किया है. 

सामने आया ‘भूल भुलैया 3’ का टीजर

बीते साल बॉक्स ऑफिस पर सफल हिंदी फिल्मों की बात की जाए तो उसमें कार्तिक आर्यन की ‘भूल भुलैया 2’ का नाम टॉप लिस्ट में शामिल रहेगा. पार्ट 2 की सुपर सक्सेस के बाद अब ‘भूल भुलैया 3’ की तैयारी शुरू हो गई है. बुधवार को कार्तिक आर्यन ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर ‘भूल भुलैया 3’ का एलान किया है. इसके साथ ही कार्तिक ने ‘भूल भुलैया 3’ (Bhool Bhulaiya 3) के टीजर को भी रिलीज किया गया है. इस टीजर में कार्तिक आर्यन रुह बाबा के किरदार में नजर आ रहे हैं. साथ ही कार्तिक ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि ‘क्या लगा कहानी खत्म हो गई. दरवाजे तो बंद होते हैं ताकि दोबारा खुल सकें. मैं सिर्फ आत्माओं से बात नहीं करता, बल्कि आत्मा मेरे अंदर आ भी जाती हैं. ‘भूल भुलैया 3’ के इस शानदार टीजर के साथ ही फिल्म की रिलीज डेट का एलान भी किया गया है. 


 

कब रिलीज होगी ‘भूल भुलैया 3’ 

कार्तिक आर्यन ने ‘भूल भुलैया 3’  (Bhool Bhulaiya 3) के टीजर को शेयर करने के साथ वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि- ‘रुह बाबा रिटर्न्स दिवाली 2024’ यानी ‘भूल भुलैया 3’ अगले साल दिवाली के मौके पर सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इससे पहले कार्तिक आर्यन (Kartik Aaryan) की ‘भूल भुलैया 2’ साल 2022 की चुनिंदा हिट फिल्मों में शामिल रही. बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक ‘भूल भुलैया 2 ने बॉक्स ऑफिस पर 185 करोड़ की शानदार कमाई की, जिसके चलते ‘भूल भुलैया 2’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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