भारत

एबीवीपी के खिलाफ पोस्‍ट लिखने के बाद कारगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर को रेप की धमकियां

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में हिंसा के बाद एबीवीपी के खिलाफ सोशल मी‍डिया पर कैंपेन चलाने वाली गुरमेहर कौर का कहना है कि उन्‍हें रेप की धमकियां दी जा रही है। उन्‍होंने बताया कि कैंपेन चलाने के बाद उन्‍हें सोशल मीडिया पर रेप की धमकियां दी जा रही है। बता दें कि गुरमेहर के पिता कारगिल की जंग में शहीद हो गए थे। उन्‍होंने रामजस कॉलेज में हिंसा के बाद कैंपेन चलाया था कि वह एबीवीपी से डरती नहीं हैं। गुरमेहर ने बताया कि जब से वह छात्रों के पक्ष में खड़ी हुई हैं तब से उन्‍हें रेप की धमकियां मिल रही हैं। एक व्‍यक्ति ने तो फेसबुक पर कमेंट सेक्‍शन में विस्‍तार से लिखा है कि वह किसी तरह से रेप करेगा। गुरमेहर लेडी श्रीराम कॉलेज में इंग्लिश(ऑनर्स) की पढ़ाई करती है।

गुरमेहर ने रविवार को बताया, ”लोग फेसबुक पर मुझे हिंसा की धमकी दे रहे हैं और मुझे देश विरोधी कह रहे हैं। एक आदमी ने मेरी प्रोफाइल पिक्‍चर पर कमेंट किया और लिखा कि वह किस तरह से मेरा रेप करेगा। मुझे लगता है यह काफी डराने वाला है। राष्‍ट्रवाद के नाम पर अपने ही देश की महिलाओं को रेप की धमकियां देना सही नहीं।” गौरतलब है कि रामजस कॉलेज में कथित तौर पर एबीवीपी छात्रों की हिंसा के बाद कैम्पेन के लिए कौर ने एक तख्ती पकड़ी हुई तस्वीर फेसबुक पर प्रोफाइल फोटो के तौर पर लगाई है। तख्ती पर लिखा है, ‘मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर छात्र मेरे साथ है। हैशटैग स्टूडेंट्स अगेंस्ट एबीवीपी।’

गुरमेहर ने अपने फेसबुक स्टेटस में लिखा था, ‘एबीवीपी द्वारा निर्दोष छात्रों पर किया गया निर्मम हमला परेशान करने वाला है और इसे रोका जाना चाहिए। यह हमला प्रदर्शनकारियों पर नहीं था बल्कि यह लोकतंत्र की हर उस धारणा पर हमला था, जो हर भारतीय के दिल के करीब है। यह आदर्शों, नैतिक मूल्यों, स्वतंत्रता और इस देश में जन्मे हर व्यक्ति के अधिकारों पर किया गया हमला था।’ साथ ही गुरमेहर ने लिखा, ‘जो पत्थर तुम फेंकते हो, वह हमारे शरीरों को चोट पहुंचाते हैं लेकिन ये हमारे आदर्शों को चोट नहीं पहुंचा सकते। यह प्रोफाइल तस्वीर डर के ,निरंकुशता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का मेरा अपना तरीका है।’

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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