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रियल लाइफ में दुल्हन बनीं करण पटेल की ऑन स्क्रीन बहू कृष्णा मुखर्जी, एक्टर ने शेयर की तस्वीर

Krishna Mukherjee Wedding Photo: पॉपुलर टीवी सीरियल ‘ये हैं मोहब्बतें’ (Yeh Hain Mohabbatein) से घर-घर में पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस कृष्णा मुखर्जी (Krishna Mukherjee) आज 13 मार्च को अपने बॉयफ्रेंड चिराग के साथ शादी के बंधन में बंध चुकी हैं. एक्ट्रेस की शादी की पहली तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है. जिसे एक्टर करण पटेल ने शेयर किया है.

करण ने शेयर की कृष्णा की शादी की फोटो

करण पटेल ने कृष्णा मुखर्जी की शादी की ये तस्वीर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर की है. जिसमें वो कपल को आशीर्वाद देते हुए नजर आ रहे हैं. तस्वीर को शेयर करते हुए करण ने कैप्शन में लिखा कि, ‘इन दोनों के जीवन भर की खुशियों की कामना करता हूं कि हर पल पिछले पल से ज्यादा यादगार हो…प्यारी कृष्णा और चिराग, ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद हमेशा.’ तस्वीर में एक्ट्रेस बंगाली दुल्हन बनी हुई काफी खूबसूरत लग रही हैं. एक्टर की इस पोस्ट पर कृष्णा के फैंस खूब प्यार बरसा रहे हैं और कपल को शादी की बधाई भी दे रहे हैं. हाल ही में एक्ट्रेस की हल्दी, मेहंदी और संगीत की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं. जो इस वक्त काफी वायरल हो रही हैं.


इस सीरियल में किया था साथ काम

बता दें कि करण और कृष्णा ने ‘ये हैं मोहब्बतें’ में कई साल तक साथ काम किया था. यही वजह है कि दोनों के बीच काफी गहरी बॉन्डिंग है. सीरियल में कृष्णा ने करण के बेटे की बहू का रोल निभाया था. इस सीरियल से कृष्णा को काफी फेम मिला था. वहीं एक्टिंग के अलावा वो सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं. जहां एक्ट्रेस फैंस को अपनी लाइफ की हर अपडेट देती हैं.

शादी से पहले एक्ट्रेस ने अपने रोमांटिक प्रपोजल की कुछ झलकियां भी फैंस को दिखाई थीं. जिसमें कपल एक-दूसरे को किस करता हुआ दिखाई दिया था. वहीं इससे पहले उन्होंने अपनी बैचलर पार्टी में जमकर धमाल मचाया था. इसकी भी कई तस्वीरें औऱ वीडियोज उन्होंने इंस्टाग्राम पर शेयर की थीं.  

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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