बॉलीवुड और मनोरंजन

‘भाई मेरे आगे शाहरुख खान नहीं टिका तो कपिल शर्मा क्या है’, आखिर किसने कही ये बात?

KRK On Shah Rukh Khan-Kapil Sharma: कमाल राशिद खान यानी केआरके नाम तो आपने सुना ही होगा. केआरके किसी अलग पहचान के मोहताज नहीं हैं. आए दिन अपने ट्वीट के जरिए केआरके (KRK) हिंदी सिनेमा के जगत के किसी न किसी सेलेब्स पर निशाना साधते रहते हैं और विवादित बयान देते हैं. मौजूदा समय में केआरके ने मशहूर कॉमेडियन और एक्टर कपिल शर्मा (Kapil Sharma) को टारगेट किया है, जिसके चलते केआरके ने एक बार फिर से बेतूका बयान दिया है. 

कपिल शर्मा पर केआरके ने साधा निशाना

हाल ही में कॉमेडियन कपिल शर्मा की मोस्ट अवेडेट फिल्म ‘ज्विगाटो’ (Zwigato) सिनेमाघरों में रिलीज हुई है. अब ऐसे में इस फिल्म को लेकर कमाल राशिद खान केआरके की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आए तो ऐसा हो नहीं सकता. दरअसल कपिल की ‘ज्विगाटो’ को लेकर केआरके ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर कोई रिएक्शन दिया, जिसके जवाब में एक यूजर ने कमाल को रिप्लाई देते हुए लिखा कि- ‘दिल पर मत लेना भाई, कपिल एक कलाकार है और अब एक यूट्यूबर.’ इस पर केआरके ने बिना देरी करते हुए जवाब दिया है और लिखा है कि- ‘भाई मेरे सामने शाहरुख खान नहीं टिक तो ये बेचारा फिर भी कपिल शर्मा है.’ इस तरह से केआरके ने अपने बेतूके बयान से कॉमेडियन कपिल शर्मा टारगेट किया है. 

लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन

कपिल शर्मा (Kapil Sharma) और सुपरस्टार शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) को लेकर केआरके के इस विवादित बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने रिएक्शन देने शुरू कर दिए हैं. जिसके चलते एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट कर लिखा है कि- ‘सर ये कुछ ज्यादा नहीं हो गया, ठीक है लिखने में क्या ही जाता है.’ दूसरे यूजर ने कमेंट कर लिखा है कि- ‘चाचा सपने से बाहर आओ.’ इस तरह तमाम यूजर केआरके (KRK) के बयान पर मजेदार प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें- तलाक के बाद Arbaaz Khan के साथ बेटे की परवरिश करना Malaika Arora के लिए नहीं था आसान, एक्ट्रेस ने सालों बाद तोड़ी चुप्पी

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button