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वापस आ गया Google Maps का खास फीचर, छोटे गांव से लेकर बड़े शहरों तक का मिलेगा 360-डिग्री व्यू

Google Maps Street View : गूगल मैप्स स्ट्रीट व्यू अब भारत में उपलब्ध है. हमने काफी पहले इस फीचर को गूगल मैप्स पर देखा था, लेकिन फिर कुछ कारणों के चलते गूगल ने इस फीचर को वापस ले लिया था. शायद गूगल फीचर की टेस्टिंग कर रहा था, लेकिन अब फीचर दोबारा से आ चुका है. गूगल ने पिछले साल भारत में मैप्स के लिए स्ट्रीट व्यू फीचर की घोषणा की थी. यह फीचर काफी बढ़िया है. आपको किसी एरिया तक वर्चुअल ले जाता है. इस फीचर के सहारे से ऐसा लगता है कि आप उसी गली या मार्केट में खड़े हुए हैं. यह फीचर किसी एरिया की काफी बेहतर जानकारी देता है.

मिलता है 360 डिग्री का व्यू

आप इस फीचर के सहारे से सड़क को 360 डिग्री पर देख सकते हैं. फीचर घर बैठे ही आपको किसी जगह का पूरा नज़ारा दिखा देता है. कहा गया था कि गूगल ने सुरक्षा के चलते इस फीचर को बंद कर दिया था. अब गूगल ने वापस से फीचर पेश किया है तो हम उम्मीद करते हैं कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए होंगे. इंडिया टुडे की रिपोर्ट बताती है कि उन्होंने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के विभिन्न स्थानों के लिए गूगल मैप्स स्ट्रीट व्यू की सफल टेस्टिंग की है. रिपोर्ट यह भी कहती है कि कई जगहों पर 360- डिग्री देखने का ऑप्शन नहीं था.  हरियाणा में रोहतक जैसे कुछ एरिया केवल स्थिर इमेज ही दिखा रहे थे.

गूगल मैप्स पर स्ट्रीट व्यू का इस्तेमाल कैसे करें?

गूगल मैप्स स्ट्रीट व्यू ऐप के साथ-साथ गूगल मैप्स वेबसाइट पर भी काम करता है. इसके अलावा, यह एंड्रॉयड और iOS दोनों पर उपलब्ध है.

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  • पीसी में इस्तेमाल करने के लिए अपने ब्राउजर पर Google मैप्स खोलें. अब नीचे बाईं ओर “लेयर” बॉक्स से स्ट्रीट व्यू एनेबल करें. मैन्युअल रूप से किसी एरिया का चयन करें या सर्च बॉक्स में जगह एंटर करें.
  • इसी प्रकार, Android phone या iPhone पर, दाईं ओर स्थित “लेयर” बॉक्स से स्ट्रीट व्यू एनेबल करें. मैन्युअल रूप से कोई एरिया चुनें या सर्च बॉक्स का इस्तेमाल करें. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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