जाटों ने 20 मार्च को दिल्ली आने वाले राजमार्गों को अवरूद्ध करने की धमकी दी

शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग करते हुए हरियाणा समेत उत्तरी राज्यों के जाट समुदाय के हजारों लोग आज यहां जंतर मंतर पर एकत्र हुए और राष्ट्रीय राजधानी आने वाले बड़े राजमार्गों को अवरूद्ध करने की धमकी दी।
शिक्षण संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग करते हुए हरियाणा समेत उत्तरी राज्यों के जाट समुदाय के हजारों लोग आज यहां जंतर मंतर पर एकत्र हुए और राष्ट्रीय राजधानी आने वाले बड़े राजमार्गों को अवरूद्ध करने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि वे ‘दिल्ली कूच’ के दौरान संसद भवन का भी घेराव करेंगे। केंद्र और हरियाणा की भाजपा नीत सरकार पर ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण की उनकी मांग के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार को उसकी निद्रा से जगाने के लिए बड़ा फैसला करना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘‘20 मार्च को सभी जाट अपने ट्रैक्टर और छोटे वाहनों पर 10 दिन का राशन लेकर पड़ोसी राज्यों के राजमार्ग से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।’
अगर दिल्ली कूच के दौरान पुलिस ने उन्हें रोका तो जाट घेराव करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी की ओर आने वाले सभी बड़े राजमार्गों को अवरूद्ध कर देंगे। मलिक ने कहा कि जाट दिल्ली सीमा पर डेरा डालेंगे और बाद में संसद का घेराव करेंगे। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड और शहर के हजारों जाट अपने वाहनों से ‘जाट न्याय धरना’ में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली की ओर बढ़े। धरना का नेतृत्व मलिक और अन्य संघर्ष समिति नेताओं ने किया और यह संसद भवन की ओर मार्च के साथ समाप्त हुआ। मजबूरन दिल्ली यातायात पुलिस को संसद मार्ग को बंद करना पड़ा।
अशोक रोड समेत कई सड़कों पर भारी यातायात देखने को मिला। संघर्ष समिति के नेताओं ने यह भी कहा कि उन्होेंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यालयों को अपनी सात सूत्री मांगें सौंपीं। बाद में प्रदर्शनकारियों ने संसद मार्ग थाने में गिरफ्तारी दी और गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या लिखित में बताने पर जोर दिया। वे वहां से तब गए जब एक पुलिस अधिकारी ने घोषणा की कि कुल 50 हजार जाट प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तारी दी।