जाट आंदोलन: दिल्ली से सटे हरियाणा के जिलों में इंटरनेट सेवा ठप, मुख्यमंत्री खट्टर ने जाटों को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आरक्षण की मांग पर जाट समुदाय के पचास दिन से जारी आंदोलन को समाप्त करने को लेकर रविवार को नेताओं से बातचीत करने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया है। जाट समुदाय के संसद का घेराव करने की योजना से पहले बातचीत का यह प्रस्ताव आया है। एहतियात के तौर पर सेना को बुला लिया गया है। धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और हरियाणा के रोहतक, झज्जर तथा सोनीपत जैसे संवेदनशील जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हम मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए गंभीर है। राज्य में भाईचारा और शांति कायम रखना हमारी पहली प्राथमिकता है।’
खट्टर केन्द्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री पीपी चौधरी और केन्द्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह के साथ जाट नेताओं से बात करेंगे। राज्य के पुलिस महानिदेशक केपी सिंह ने बताया कि राज्य से गुजरने वाले सभी मार्ग एवं राजमार्ग खुले हुए हैं और सुरक्षा के सभी कदम उठाए गए हैं ताकि जनता खासतौर पर छात्र, जो कि सीबीएससी की परीक्षा दे रहे हैं, वह बिना किसी भय के यात्रा कर सकें।
आंदोलन की अगुवाई कर रही अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) राष्ट्रीय राजधानी में कल घेराव करने की अपनी योजना पर अड़ी हुई है। यह आंदोलन आज 50वें दिन में प्रवेश कर गया। एआईजेएएसएस के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कल कहा था कि मामले को हल करने के लिए केन्द्र को हस्तक्षेप करना चाहिए।
दरअसल, जाट प्रदर्शनकारियों ने नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग करते हुए दिल्ली में प्रदर्शन करने की धमकी दी है। परामर्श में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में पहुंचने से पहले गिरफ्तार किया जाए या हिरासत में लिया जाए, प्रदर्शनकारियों को ले जाने वाली बसों को राजमार्गो पर आने की अनुमति नहीं दी जाए और ट्रैक्टर ट्राली की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया जाए। केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति का बुधवार को इन चारों राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ जायजा लिया था। उन्होंने अधिकारियों को प्रदर्शन के दौरान शांति सुनिश्चित करने और जनजीवन में खलल की कोशिशों को रोकने को कहा।