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YouTube पर महिलाएं अब बना सकती हैं ऐसी ज्ञानवर्धक वीडियो, कंपनी इस कंडीशन पर करेगी मोनेटाइज 

गूगल के वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म यूट्यूब ने अपनी गाइडलाइन को अपडेट किया है और एडल्ट कंटेंट को मोनेटाइज करने की सुविधा यूजर्स को दी है. नए अपडेट के बाद अब यूजर्स ब्रेस्टफीडिंग वीडियो को मोनेटाइज कर इससे अच्छा रेवेन्यू हासिल कर सकते हैं. हालांकि इस तरह की वीडियो में बच्चे का होना जरूरी है. यदि वीडियो में एरोला दिख भी रहा है तो तब भी अब इस तरह की वीडियो को मोनेटाइज किया जा सकेगा. हालांकि पहले ऐसा नहीं था और इस तरह के कंटेंट को मोनेटाइज नहीं किया जा सकता था.

ऐसी वीडियो डालने पर नहीं मिलेगा पैसा

बता दें, यूट्यूब ऐसी वीडियो पर आपको रेवेन्यू नहीं देगा जिसमें ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बच्चा प्रजेंट नहीं होगा. साथ ही ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी वीडियो में कंटेक्सुअल रेफरेंस होना चाहिए, यानी या तो बच्चा ब्रेस्टफीड कर रहा हो या इस बारे में बताया जा रहा हो. 

पेरेंट्स को ध्यान में रखकर कंपनी ने शुरू किया मोनेटाइज

यूट्यूब ने कहा कि वह ब्रेस्टफीडिंग पर मोनेटाइजेशन की सुविधा अपने यूजर्स के फीडबैक के बाद ला रहा है. दरअसल, कई पेरेंट्स यूट्यूब पर ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ा कंटेंट देखते हैं और इसी को ध्यान में रखकर अब कंपनी क्रिएटर्स को पैसा ऑफर कर रही है. ध्यान दें, केवल ज्ञानवर्धक वीडियो को कंपनी मोनेटाइज करेगी. यदि वीडियो में न्यूडिटी को बढ़ावा दिया गया है तो इस तरह का कंटेंट कंपनी मोनेटाइज नहीं करेगी.

इस तरह के कंटेंट को भी कर पाएंगे मोनेटाइज

इसके अलावा, YouTube उस सामग्री से भी प्रतिबंध हटा रहा है जो डांस मूव्स पर केंद्रित है जिसमें ग्राइंडिंग या ट्वर्किंग शामिल है, यानि इस प्रकार की सामग्री पर अब क्रिएटर्स पैसा कमा सकते हैं. हालांकि, कंपनी अभी भी स्तनों, बट या जननांगों पर जानबूझकर और बार-बार लिए जाने वाले शॉट्स, अत्यधिक न्यूनतम कपड़े और यौन कृत्यों की नकल करने वाली कामुक हरकतों के साथ नृत्य वीडियो पर मुद्रीकरण को प्रतिबंधित करेगी. यानि ऐसी वीडियो जिसमें न्यूडिटी को बढ़ावा दिया गया होगा वो मोनेटाइज नहीं होगी. 

इन नए परिवर्तनों के बावजूद, सभी सामग्री को अभी भी YouTube के सामुदायिक दिशानिर्देशों और मोनेटाइजेशन उद्देश्यों के लिए, विज्ञापनदाता-अनुकूल सामग्री दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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