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सुष्मिता सेन ने आयरा-नुपुर के वेडिंग रिसेप्शन से शेयर की खास तस्वीर, कपल के लिए लिखा खास नोट

Sushmita Sen Post For Ira-Nupur: आमिर खान की लाडली आयरा खान ने 3 जनवरी को अपने मंगेतर नूपुर शिखरे संग कोर्ट मैरिज की थी. इसके बाद कपल ने उदयपुर में क्रिश्चियन रीति-रीवाज से डेस्टिनेशन वेडिंग की. आयरा और नूपुर ने शादी के बाद मुंबई में ग्रैंड वेडिंग रिसेप्शन पार्टी दी जिसमें बॉलीवुड जगत की दिग्गज हस्तियों ने शिरकत की. एक्ट्रेस सुष्मिता सेन भी आयरा खान और नूपुर शिखरे के रिसेप्शन में उन्हें बधाई देने पहुंची थीं. 

सुष्मिता सेन ने अपने इंस्टाग्राम पर अब आयरा-नूपुर के रिसेप्शन से एक फोटो शेयर की है और कपल को शादी की मुबारकबाद दी है. शेयर की गई तस्वीर में सुष्मिता आयरा खान और नूपुर शिखरे की दीवार पर लगी फोटो को देखती नजर आ रही हैं. इस वॉल पर आयरा-नूपुर की फैमिली की भी तस्वीरें लगी हैं. सुष्मिता ने अपनी इस फोटो के साथ आयरा-नूपुर के लिए दिल छू लेने वाला कैप्शन लिखा है.


आयरा-नूपुर के लिए लिखा पोस्ट
एक्ट्रेस ने लिखा- ‘इस साथ की तरफ ले जाने वाले इनके खूबसूरत सफर की मैं गवाह हूं…ये एक नया चैप्टर और किस्मत का लिखा बंधन है!!! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं.’ इसके आगे सुष्मिता ने नूपुर शिखरे की मां को भी शुभकामनाएं दीं. उन्होंने प्रीतम शिखरे को टैग करते हुए लिखा- ‘बधाई हो मां.’


ब्लैक फ्रिल्ड साड़ी में लगीं कमाल!
सुष्मिता सेन ने आयरा के रिसेप्शन के लिए ब्लैक कलर की फ्रिल्ड साड़ी पहनी थी. इसे उन्होंने मैचिंग ओपन शोल्जर स्लीव्स ब्लाउज के साथ पेयर किया था. अपने लुक को एक्ट्रेस ने व्हाइट ईयररिंग्स और गोल्डन कलच के साथ कंपलीट किया था. इस दौरान खुले बालों के साथ सुष्मिता बेहद खूबसूरत लग रही थीं. उन्होंने इस लुक में एक वीडियो भी शेयर किया है और इसके साथ साड़ी की डिजाइनर को क्रेडिट देते हुए उनका शुक्रिया भी अदा किया है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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