टैकनोलजी

आपने यूट्यूब पर कौनसा वीडियो देखा… किसी को पता नहीं चलेगा! बस आप ये काम कर दें…

Youtube Incognito Mode : अगर आपको ब्राउजर पर कुछ सीक्रेट सर्च करना होता है, जिसकी हिस्ट्री सेव न हो तो आप इनकॉग्निटो मोड का इस्तेमाल करते हैं. इनकॉग्निटो मोड की खास बात यह है कि इसमें हिस्ट्री सेव नहीं होती है. गूगल क्रोम में इनकॉग्निट मोड में सर्च करने के कई खबरें देखी होंगी, लेकिन क्या आपको मालूम है कि सिर्फ ब्राउजर ही नहीं यूट्यूब में भी इनकॉग्निटो मोड का इस्तेमाल कर सकते है. यूट्यूब पर इनकॉग्निटो मोड में देखी गई वीडियो की हिस्ट्री सेव नहीं होगी और यह सीक्रेट रहेगी. इस खबर में हम आपको यूट्यूब इनकॉग्निटो मोड इस्तेमाल करने का प्रोसेस बता रहे हैं.

यूट्यूब वीडियो इनकॉग्निटो मोड में कैसे देखें?

Youtube में Incognito Mode में वीडियो देखने के लिए आपको अपनी डिवाइस में Incognito Mode को ऑन करना है. ऐसा करने के लिए नीचे बताया प्रोसेस फॉलो करें.

  • डिवाइस में सबसे पहले यूट्यूब ओपन करें.
  • इसके बाद टॉप-लेफ्ट कॉर्नल में दिखाई दे रहे तीन डॉट्स पर क्लिक करें.
  • आपको यहां पर Account सेक्शन पर क्लिक करना है.
  • अकाउंट सेक्शन में आपको एक Turn on Incognito का ऑप्शन दिखाई देगा.
  • इनकॉग्निटो मोड ऑन करने के लिए आपको इस टॉगल ऑन कर देना है.
  • जैसे कि आप इनकॉग्निटो मोड ऑन कर देंगे, आप एक अलग यूट्यूब ऐप पर पहुंच जाएंगे जो कि इनकॉग्निटो मोड में होगा.

इतना करते ही, आपके डिवाइस में यूट्यूब पर इनकॉग्निटो मोड खुल जाएगा. अब आप जो भी वीडियो देखेंगे, वो बिल्कुल सीक्रेट रहेंगी और उस वीडियो की सर्च हिस्ट्री किसी को नजर नहीं आएगी.

इनकॉग्निटो मोड में यह भी है खास

आपने गौर किया होगा कि जब आप यूट्यूब पर वीडियो देखते हैं तो आपको देखी गई वीडियो से रिलेटेड वीडियो सजेशन में शो होने लगती हैं. हालांकि, इनकॉग्निटो मोड में वीडियो देखने के बाद आपको नॉर्मल यूट्यूब पेज पर कोई भी ऐसी वीडियो का सजेशन दिखाई नहीं देगा, जिसे आपने इनकॉग्निटो मोड में देखा है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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