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चोरी हो गया फोन तो घबराएं नहीं, मिनटों में ऐसे ब्लॉक हो जाएगा UPI ID

UPI ID: भारत में आजकल करीब हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन (Smartphone) है. वहीं देश में ऑनलाइन सुविधा भी काफी तेजी से बढ़ी है. आज ज्यादातर लोग शॉपिंग लेकर सामान ऑर्डर करने तक सभी काम ऑनलाइन करते हैं. ऐसे में लगभग सभी स्मार्टफोन्स में यूपीआई आईडी भी होता है. वैसे तो यूपीआई आईडी काफी काम आता है. लेकिन सोचिए अगर आपका फोन चोरी हो गया तब क्या होगा? ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप आसानी से मिनटों में अपने फोन में मौजूद यूपीआई आईडी को ब्लॉक करवा सकते हैं. इसे आसानी से किया जा सकता है.

क्या होता है UPI ID?

दरअसल, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) एक बैंकिंग सिस्टम होता है जो आपको पेमेंट ऐप के जरिए पैसों का भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. पेमेंट ऐप के जरिए आप पैसों का आदान-प्रदान आसानी से कर सकते हैं. वहीं पैसों को भेजने के लिए ही आपको यूपीआई पिन की जरूरत होती है.

पैसों को लेने के लिए कोई यूपीआई पिन की जरूरत नहीं होती है. वहीं बैंक को गूगल पे या फोनपे जैसे पेमेंट सिस्टम को जोड़ने के लिए यूपीआई आई की मदद लगती है. साथ ही आपकी यूपीआई आई एक यूनिक एड्रेस होती है जिसका यूज आप यूपीआई पर खुद को पहचानने के लिए किया जाता है.

कैसे ब्लॉक करें UPI ID

अब आपको बताते हैं कि अगर आपका फोन चोरी हो जाता है तो आप आसानी से अपने स्मार्टफोन में मौजूद यूपीआई आईडी को ब्लॉक करवा सकते हैं. वहीं देश में आय दिन फोन चोरी होते रहते हैं. ऐसे में आपके यूपीआई आईडी का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है. इसीलिए सुरक्षा को देखते हुए यूपीआई आईडी को तुरंत ब्लॉक करवा देना चाहिए.

आपको बता दें कि गूगल पे (Google Pay) के लिए आपको 1800-419-0157, फोन पे (PhonePe) के लिए 08068727374 और पेटीएम (Paytm) के लिए 01204456456 जैसे नंबरों पर कॉल करना होता है. इसके बाद कस्टमर केयर अधिकारी आपको वैरिफाई करके आपका यूपीआई आईडी ब्लॉक कर देता है. इसी तरह से आप तुंरत फोन चोरी होने के बाद यूपीआई आईडी को ब्लॉक करवा सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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