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बिजली बिल से है सिर में दर्द! तो यूज करें ये टिप्स, राहत के साथ आधा होगा खर्च

Electricity Bill : बिजली का बिल जैसे ही लोगों के घर आता है, तो भारी भरकम बिल देखकर लोग मायूस हो जाते हैं. गर्मी के मौसम में एसी, फ्रिज और दूसरे इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स चलाने की वजह से बिजली बिल ज्यादा आता है. ऐसे में कई बार लोगों का महीने का बजट भी बिगड़ जाता है.

इसी बात को ध्यान में रखकर हम आपके लिए बिजली का खर्च कम करने के टिप्स लेकर आएं हैं, जो बिजली बचत के साथ आपके बिजली के खर्च को भी कम करेंगे. आइए जानते हैं बिजली बिल कम करने के आसान टिप्स के बारे में. 

सीएफएल लाइट

नॉर्मल बल्ब की जगह आप लो एनर्जी वाले बल्ब का इस्तेमाल करें. इससे एनर्जी की खपत कम होगी और रोशनी भी अच्‍छी रहेगी. आप सीएफएल या LED लाइट के इस्तेमाल से लगभग 70% बिजली बचा स कते हैं.

 फ्रीजर रखें डिफ्रॉस्ट

अगर आपके फ्रिज में बर्फ ज़्यादा मात्रा में जमती है तो इस बर्फ से फ्रिज का कूलिंग पॉवर कम हो जाता है और बिजली अधिक खर्च होती है. इसलिए फ्रीजर को हमेशा डिफ्रास्ट करके रखें और गर्म खाने को थोड़ा ठंडा करने के बाद ही फ्रीज में रखें.

 
स्विच ऑफ रखें

टीवी, लैपटॉप, मोबाइल चार्जर आदि इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट का इस्‍तेमाल करने के बाद इनका पॉवर स्विच जरूर ऑफ करें.

एसी चलाते वक्त रूम बंद रखें

अगर आप एसी चला रहे हैं तो कोशिश करें कि घर की सारी खिड़की, दरवाजा, रोशनदान आदि अच्छी तरह से बंद हों. आप एसी की जगह सीलिंग फैन या टेबल फैन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

लैपटॉप को शटडाउन करें

कंप्यूटर पर काम करने के बाद हमेशा पॉवर स्विच को ऑफ करें. कंप्यूटर पर काम करते हुए अगर बीच में ब्रेक ले रहे हैं तो मॉनिटर को ऑफ कर दें. कंप्यूटर को अधिक देर तक स्लीप मोड पर ना रखें बल्कि इसे शट-डाउन कर दें.

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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